उड़ीसा के बालासोर से भी बड़ा रेल हादसा होते-होते बच गया। दरअसल ट्रेन जिस सुरंग से गुजर रही थी उसी में अचानक आग लग गई। इससे देखते ही देखते ट्रेन सुरंग में लगी आग की चपेट में आ चुकी थी, जहां से बचने या निकलना संभव नहीं था। ट्रेन में सवार सैकड़ों यात्रियों की जान मुश्किल में थी। सभी यात्री जिंदा जलने वाले थे, मगर फायर विभाग व राहत और बचाव दलों की सतर्कता ने यात्रियों को बाहर निकालकर उनकी जान बचा ली। अभी कुछ दिन पहले ही बालासोर में तीन रेलगाड़ियों के आपस में टकरा जाने से 275 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई थी और 1000 से अधिक लोग घायल हुए थे।
आपको बता दें कि रेल की सुरंग में आग लगने की यह घटना भारत की नहीं, बल्कि आस्ट्रिया की है। सुरंग में आग लगने के बाद उसमें फंसी ट्रेन को निकाल लिया गया है। इस घटना में बचाव कर्मियों ने ट्रेन में सवार 151 यात्रियों को भी सकुशल बाहर निकाल लिया। टाइरोल प्रांत में क्षेत्रीय सरकार ने कहा कि बुधवार शाम को हुई घटना में 33 लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। प्रतीत होता है कि इन लोगों की परेशानी का मुख्य कारण धुंआ था जिसकी वजह से उन्हें सांस संबंधी दिक्कत हुई।
20 दमकलों ने मिलकर बुझाई आग
अधिकारियों के अनुसार ट्रेन में 370 से अधिक यात्री सवार थे। ‘ऑस्ट्रिया प्रेस एजेंसी’ (एपीए) की खबर के अनुसार, स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि करीब 370 यात्रियों के साथ रात्रि ट्रेन टाइरोल क्षेत्र में इन्सब्रुक के पूर्व में फ्रिट्जेंस के पास सुरंग में थी, तभी वहां आग लग गई। रेलवे संचालक ओईबीबी ने कहा कि रात आठ बजकर 40 मिनट पर ओवरहेड वायर में खराबी की सूचना मिली थी और इंसब्रुक से एम्सटर्डम जा रही ‘‘नाइटजेट’’ ट्रेन से जुड़े एक मालवाहक डिब्बे पर ऑटोमोबाइल में अचानक आग लग गई।
ओईबीबी ने बताया कि 20 दमकल वाहनों की मदद से रात 10 बजकर 20 मिनट पर आग को बुझा लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि रात करीब 11 बजे यात्रियों को ट्रेन से बाहर निकाल लिया गया। करीब 700 बचाव कर्मियों, दमकल कर्मियों और पुलिस अधिकारी बचाव कार्य में शामिल थे। ट्रेन को बृहस्पतिवार सुबह सुरंग से बाहर निकाल लिया गया। जिन यात्रियों को चिकित्सा सेवा की जरूरत नहीं थी उन्हें बस से इन्सब्रुक ले जाया गया और वहां उन्हें गंतव्य के लिए परिवहन सुविधा प्रदान की गई।
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