Sunday, December 22, 2024
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गाजा में इजरायल के भीषण हवाई हमले में 16 लोगों की मौत, सर्दी भी ढा रही कहर

गाजा में इजरायल के भीषण हवाई हमले में 16 लोगों की मौत हो गई है। वहीं इस दौरान गाजा पट्टी में सर्दी भी कहर ढा रही ढाने लगी है। कड़ाके की ठंड में विस्थापितों को तंबुओं में गुजारा करना पड़ रहा है। उनके पास पहनने को गर्म कपड़े भी नहीं हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 22, 2024 16:50 IST, Updated : Dec 22, 2024 16:50 IST
गाजा में इजरायली मिसाइलों ने बरपाया कहर।
Image Source : AP गाजा में इजरायली मिसाइलों ने बरपाया कहर।

दीर अल-बला (गाजा पट्टी): गाजा पट्टी में इजरायल के भीषण हवाई हमलों में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं। फिलिस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हमास सरकार से संबद्ध ‘सिविल डिफेंस’ के अनुसार, गाजा शहर में विस्थापितों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर हुए हमले में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं। इजरायली सेना ने कहा कि उसने वहां शरण लिए हमास आतंकवादियों को निशाना बनाया। ‘

अल-अक्सा शहीद’ अस्पताल के अनुसार, शनिवार देर रात दीर अल-बला में एक घर पर हुए हमले में कम से कम 8 लोग मारे गए। अस्पताल के पास स्थित नासिर अस्पताल के अनुसार, रविवार को आधी रात के बाद दक्षिणी शहर खान यूनिस में हुए हमले में 2 और लोग मारे गए। इन हमलों पर सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।

गाजा में सर्दी का कहर

इजरायली मिसाइलों के अलावा सर्दी भी फिलिस्तीनियों पर कहर ढाने लगी है। गाजा में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। इजरायल से 14 महीने से जारी युद्ध के कारण विस्थापित हुए लगभग 20 लाख लोगों में से कई लोग खुद को हवा, ठंड और बारिश से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सहायता कर्मियों और निवासियों के अनुसार लोगों के पास कंबलों और गर्म कपड़ों की कमी है, अलाव के लिए लकड़ी बहुत कम है और जिन तंबुओं व तिरपालों में परिवार रह रहे हैं, वे महीनों से जारी उपयोग के कारण बहुत ही खस्ताहाल हो गए हैं। दक्षिणी शहर रफह से विस्थापित हुईं शादिया अयादा के पास अपने आठ बच्चों को खस्ताहाल तंबू के अंदर ठंड से बचाने के लिए केवल एक कंबल और एक गर्म पानी की बोतल है।

तेज हवा में लगता है डर

शादिया ने कहा, “जब भी हमें पता चलता है कि बारिश और तेज हवा का पूर्वानुमान है, तो हम डर जाते हैं क्योंकि हमारे तंबू हवा से उड़ जाते हैं।'' रात के समय तापमान आम तौर पर पांच से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, इसलिए अयादा को डर है कि उनके बच्चे गर्म कपड़ों के बिना बीमार पड़ जाएंगे। अयादा ने कहा कि जब वे अपना घर छोड़कर आए थे, तो उनके बच्चों के पास केवल गर्मियों के कपड़े थे। उन्होंने कहा कि उन्हें रिश्तेदारों और दोस्तों से कुछ गर्म कपड़े उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उत्तरी गाजा से अपने परिवार के साथ विस्थापित हुईं 50 वर्षीय रिदा अबू जरादा ने बताया कि लोग तंबू के अंदर बच्चों को गोद में लेकर सोते हैं। ताकि उन्हें गर्म रखा जा सके।

उन्होंने कहा, "दरवाजे न होने और तंबू फटे होने के कारण रात में चूहे हमारे ऊपर चलते हैं। कंबल हमें गर्म नहीं रख पाते। हमें ऐसा लगता है कि जमीन पर बर्फ पड़ी हो। हम सुबह ठंड से ठिठुरते हुए उठते हैं।” उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि एक दिन मैं जागूं‍गी और पाऊंगी कि कोई बच्चा ठंड से मर गया है।" संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अस्थायी आश्रयों में रह रहे लोग शायद सर्दियों में जीवित न रह पाएं। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा था कि कम से कम 9,45,000 लोगों को सर्दी से जुड़े सामान की आवश्यकता है, जो गाजा में बहुत महंगे हो गए हैं। (एपी) 

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