येरूशलम: इंसान को भगवान बनने की कामना तो हमेशा ही रही है और इस बात का समर्थन अब साइंस भी कर रहा है। एक इतिहासकार ने दावा किया है कि 200 साल बाद इंसान दैवीय शक्तियां जुटा लेगा। हिब्रू यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर युवल नोह हरारी के मुताबिक आने वाली दो सदियों में बहुत कुछ आसान हो जाएगा और पैसे वाले लोग खुद को लंबे समय तक जिंदा रख सकेंगे।
हरारी के अनुसार, 'बायोटेक्नोलॉजी और जेनेटिक इंजीनयरिंग की मदद से रईस लोग खुद को दैवीय शक्ति सरीखा विकसित कर लेंगे और जिंदगी एवं मौत पर भी पूरा काबू पा लेंगे।'
प्रोफेसर के कहा कि, रईस लोग अपने मन मुताबिक खुद के शरीर की संरचना को बना बिगाड़ सकेंगे। यही नहीं, इंसान मौत पर भी काबू पा सकता है और जब तक चाहेगा, तब तक जिएगा। यह दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी बायोलॉजिकल क्रांति होगी।
हरारी ने कहा, 'जब भी मानव खुशियां और कामयाबी हासिल करता है तो उसकी इच्छा लगातार और बढ़ती चली जाती है। वह ज्यादा से ज्यादा हासिल करना चाहता है। लेकिन अगले 200 साल बाद आधुनिक मनुष्य इतना सक्षम हो जाएगा कि बायोटेक्नोलॉजी और जेनेटिक इंजीनयरिंग की प्रक्रिया के जरिये वह एक तरह से दैवीय शक्तियां हासिल कर सकेगा।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक इंसान हमेशा अपनी जिंदगी को मनचाहे समय तक बढ़ाने के लिए प्रयास करता रहा है। लेकिन अब यह दूर की कौड़ी नहीं रह गया है, कुछ पीढ़ियों बाद यह संभव हो सकेगा।
दुनिया में मानव जीवन की उत्पत्ति के बाद से यह सबसे बड़ी वैज्ञानिक क्रांतियों में से एक होगी। लेकिन तब हम आज के मनुष्यों से अलग होंगे जैसे आज हम बंदरों से अलग हैं।
हालांकि हरारी इसे दुनिया में गैर बराबरी बढ़ने के तौर पर भी देखते हैं। हरारी के अनुसार, इसका लाभ सिर्फ अमीर लोग ही उठा सकेंगे।
हरारी ने कहा, 'आज हम जिन चीजों के लिए जीसस, भगवान और खुदा पर निर्भर हैं, उनमें से तमाम चीजें हमारे हाथ में होंगी।'
हरारी कहते हैं कि उस दौर में दुनिया में सबसे महत्व की चीजें धार्मिक स्थान नहीं, बल्कि सिलिकॉन वैली जैसी जगहें होंगी।