नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने आज कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का हिस्सा सूर्य नमस्कार आसन नहीं होगा और ओम का उच्चारण अनिवार्य नहीं होगा हालांकि इसके बिना योग अधूरा है। इस आयोजन पर करोड़ों रूपये खर्च होने का अनुमान है। सूर्य नमस्कार के बारे में उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर नाइक ने कहा, सूर्य नमस्कार आसन पिछले वर्ष भी नहीं था और इस बार भी नहीं है। यह जटिल है। जिन लोगों के लिए यह नया है उनके लिये इसे 45 मिनट में करना कठिन है। इसलिए इसे नहीं लिया है।
इस आसन के बारे में विवाद रहा है क्योंकि मुसलमानों के एक समूह का कहना है कि उनकी आस्था इसे करने की अनुमति नहीं देता है। पिछले वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था और राजपथ पर योग किया था। इस बार वे चंडीगढ़ में ऐसा करेंगे।
उन्होंने समारोह के दौरान ओम के उच्चारण को लेकर विवाद को खारिज करते हुए कहा कि इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है। केंद्रीय आयुष मंत्री ने कहा, जब भी कोई अच्छा काम होता है तब हमेशा कुछ विरोध होता ही है। इस वर्ष कोई विरोध नहीं हुआ है। हमने इसे अनिवार्य नहीं बनाया है। ओम के बिना योग पूर्ण नहीं हो सकता है। हमने इसका विरोध करने वालों को समझाया और ऐसा लगता है कि वे इसे समझ गये हैं।
इस बारे में एक विवाद उस समय उत्पन्न हो गया था जब यूजीसी के दिशानिर्देश में विश्वविद्यालयों एवं कालेजों को योग के बारे में आयुष मंत्रालय के प्रोटोकाल का पालन करने को कहा गया था जो ओम से शुरू होता है और इसमें संस्कृत के भी कुछ श्लोक हैं। सरकार और भाजपा दोनों ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि पिछले वर्ष का ही प्रोटोकाल लागू है और कोई बदलाव नहीं किया गया है। मंत्रालय ने कहा था कि ओम का उच्चारण अनिवार्य नहीं है।