साल 2017 कई मायनों में विश्व के लिए अच्छा भी रहा और बुरा भी। 2017 में कई ऐसी चीजें हुई जिनपर किसी को भी यकीन नहीं था। हिलेरी क्लिंटन को हराकर डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति बनना बेहद ही अविश्वसनीय था। उसी प्रकार ब्रिटेन का यूरोप से अलग होना और डेविड केमरून का अपने पद से इस्तीफा देने काफी हैरानी भरा था। इसी के साथ इस साल विश्व में होने वाले आंतरिक हमलों ने भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। जिसमें मैनचेस्टर, लास वेगास और सोमालिया का नरंसहार सबसे ज्यादा भयवाह था। रोहिंग्या संकट से लेकर कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव जैसे तमाम बड़ी घटनाओं से साल 2017 भरा रहा।
अमेरिका में ट्रंपकाल की शुरूआत: डोनाल्ड ठ्रंप ने 20 जनवरी साल 2017 को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। 70 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन को हराकर अमेरिका की बागडोर संभाली। सत्ता में आते ही ट्रंप ने बराक ओबामा सरकार की सभी पुरानी नीतियों को बदल दिया। ट्रंप ने सत्ता में आते ही पेरिस समझौते को मानने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही इस साल अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि विश्व युदुध की स्थिति पैदा हो गई।
साल 2017 में हुए भयावह आतंकी हमले: दुनिया ने इस साल कई आतंकी हमलों को झेला। इस सभी में लंदन के मैनचेस्टर, अमेरिका के लास वेगस सोमालिया के मोगादिशू की घटना ने दुनिया को हिला कर रख दिया। साल 2017 में मई में हुए ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में एक पॉप कॉंसर्ट में हुए धमाके में 22 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 लोग घायल हुए। अक्टूबर में अमेरिका के लास वेगास में एक बंदूकधारी व्यक्ति ने मांडले बे रिसॉर्ट मे कसीनो पर हमला कर 58 लोगों को मार दिया और करीब 400 लोगों को घायल कर दिया। अफ्रीकी मुल्क सोमालिया की राजधानी मोगादिशू में अक्टूबर में बहुत ही भयनाक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत और 300 से ज्यादा घायल हो गए।
ब्रेक्सिट: इस साल ब्रिटेन के यूरोप से अलग होने की शबर ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया। यूरोप से अलग होने के लिए ब्रिटेन में वोट डाले गए। इस वोटिंग में 51.9% लोगों ने ब्रिटेन से अलग होने के पक्ष में वोट डाले और वहीं दूसरी तरफ 48.1% लोगों ने यूरोप से अलग ना होने के लिए वोट डाले। लोगों का मनना था कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन को आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। लोगों का मानना है कि यूरोपीय संघ लोगों पर अपना नियंत्रण बनाना चाहता है। ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड केमरून ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद टेरेसा मे ने ब्रिटेन की बागडोर संभाली।
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