नई दिल्ली: सर्दियों के समय में व्यक्ति भले ही एक दिन छोड़ कर नहा ले लेकिन गर्मियों के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जो नहाता नहीं हैं अक्सर कामकाजी लोग गर्मियों के समय में रात को घर आने के बाद भी नहाते हैं। किचन में काम करने वाली महिलाएं पसीने से तर-बतर होकर सीधे नहाने ही जाती हैं। लेकिन क्या कभी ऐसा हो सकता है कि कोई व्यक्ति साल में केवल एक बार नहाए। इसे सुनकर भले ही आपको अजीब लगे लेकिन यह सच है दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो साल में केवल एक ही बार नहाते हैं।
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अफ्रीका के नॉर्थ नामीबिया के कुनैन प्रांत में रहने वाली हिम्बा प्रजाति एक ऐसी प्रजाति है जिसमें महिलाओं को नहाने की इजाज़त नहीं है। यहां तक की इन महिलाओं को पानी भी छूने की इजाज़त नहीं है। अफ्रीसा में ऐसी महिलाओं को काफी सुंदर माना जाता है। अफ्रीका में रहने वाली इस जनजाति में करीब 20 से 50 हजार लोग रहते हैं। यहां कि महिलाओं साल में केवल एक ही बार नहाती है वह भी अपनी शादी के दिन उसके बाद वह कभी भी नहीं नहाती। अन्य आदिवासी जनजातियों की तरह हिम्बा जनजाति भी गाय पर ही निर्भर है। इस जनजाति में जिस व्यक्ति के पास गाय नहीं होती है उसे सम्मान की नजरों से नहीं देखा जाता है।
इस जनजाति में बहुविवाह को सधिक बढ़ावा दिया जाता है। यहां पर महिलाएं शादी के बाद एक से अधिक पुरूषों से संबंध बना सकती है पुरूषों के लिए भी यह नियम लागू होता है। हिम्बा जनजाति में परिवार का मुखिया पुरुष ही क्यों न हो, लेकिन आर्थिक फैसले लेने का हक सिर्फ महिलाओं को ही है। हिम्बा आदिवासी महिलाएं बकरी की खाल, मक्खन व कीचड़ का इस्तेमाल कर बाल बनाती हैं। यहां के पुरूष सिर पर केवल एक चोटी, वो भी सींगनुमा रखते हैं। ये महिलाएं अपने शरीर पर ख़ास हर्ब्स से बने धुंए की आंच लेती है जिससे की इनके शरीर से बदबू नहीं आती। इसके अलावा ये अपने शरीर पर जानवरो की चर्बी से बना हुआ एक लोशन लगाती है जिससे की इनका शरीर काफी आकर्षक लगता है।