जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ब्राजील सरकार द्वारा भेजे गए परस्पर विरोधी संदेशों को राजनीति से प्रेरित करार दिया। WHO में आपात स्थिति के प्रमुख डॉ माइकल रेयान ने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ जानकारी प्रदान करने वाली सरकारों को राजनीतिक संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। डॉ रेयान ने सोमवार को कहा, ‘‘लोगों के लिए आसान, सरल समाधान प्रस्तुत करने की कोशिश करना कोई दीर्घकालिक रणनीति नहीं है, जो सफल हो।’’
उन्होंने जिनेवा में पत्रकारों से कहा कि ‘‘पारदर्शिता, स्थिरता, ईमानदारी’’ और त्रुटियों को स्वीकार करने से विश्वास बहाल हो सकता है।’’ उन्होंने कोविड-19 के बारे में ब्राजील सरकार द्वारा भेजे गए परस्पर विरोधी संदेशों के बारे में पूछे जाने के बाद यह बात कही। डॉ रेयान ने कहा कि कोरोना वायरस से जुड़े संदेश कई बार ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ होते हैं और साथ ही इस बात पर जोर दिया कि भरोसा बनाने में वर्षों लग जाते हैं लेकिन उसे तोड़ने में कुछ सेकंड।
बता दें कि दुनिया की कई कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बनाने में तेजी से जुटी हुई हैं। कई कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम चरण में है, लेकिन WHO ने अभी तक किसी भी वैक्सीन को स्वीकृति नहीं दी है। फिलहाल ब्रिटेन, रूस, अमेरिका और चीन के साथ भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल जारी है। लेकिन, आखिर ये वैक्सीन कब तक आम लोगों तक पहुंच पाएगी, इसे लेकर फिलहाल कोई दावा नहीं किया जा सकता।
वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की मानें तो कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता अगले साल (2021) के मध्य तक ही संभव हो पाएगी। दुनियाभर में 37 कोरोना वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के अलग-अलग फेज में हैं जबकि 188 वैक्सीन की निगरानी डब्ल्यूएचओ कर रहा है। 188 में 9 अंतिम चरण में हैं। अंतिम चरण में कंपनियां हजारों वॉलंटियर पर अपने वैक्सीन का परीक्षण कर रही हैं, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षित हैं।
आपको बता दें कि, रूस इसी हफ्ते से कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-V को आम जनता के लिए उपलब्ध कराने जा रहा है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के सीईओ किरिल दिमित्रिक ने कहा है कि कोरोनो वायरस के लिए स्पुतनिक वी वैक्सीन के ट्रायल भारत सहित कई देशों में इस महीने शुरू हो जायेंगे। कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-V उच्च जोखिम वालों को पहले दी जायेगी।