जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना की वैक्सीन Pfizer-BioNTech को इमरजेंसी उपयोग की इजाजत दे दी है। यूरोप और उत्तरी अमेरिका में पहले से उपलब्ध यह वैक्सीन अब जल्द ही अन्य देशों को भी इमरजेंसी उपयोग के लिए मिल सकती है, खासतौर से गरीब देशों को इसका फायदा मिलेगा।
देशों की औषध नियामक एजेंसी किसी भी Covid-19 वैक्सीन के लिए अपनी ओर से मंजूरी देती हैं, लेकिन कमजोर प्रणाली वाले देश आमतौर पर इसके लिए डब्ल्यूएचओ पर निर्भर करते हैं। डब्ल्यूएचओ ने बृहस्पतिवार को कहा कि Covid-19 की वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के उसके फैसले से ‘‘देशों को अवसर मिलेगा कि वे वैक्सीन आयात करने तथा इन्हें लगाने संबंधी अपने नियामकों की मंजूरी प्रक्रिया को गति प्रदान कर सकें।’’
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उसने कहा कि Pfizer-BioNTech द्वारा निर्मित वैक्सीन ‘‘संगठन द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों एवं अन्य मापदंडों पर खरा उतरा है।’’ गौरतलब है कि इस वैक्सीन को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ समेत अनेक देश मंजूरी दे चुके हैं। इस टीके को बहुत ही कम तापमान पर रखना होता है जो विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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अमेरिका को 10 करोड़ अतिरिक्त डोज की आपूर्ति
इससे पहले फाइजर और बायोएनटेक ने एक समझौते के तहत अमेरिका को कोविड-19 टीके के 10 करोड़ अतिरिक्त डोज की आपूर्ति करने का फैसला किया। अमेरिका को टीके के सभी डोज 31 जुलाई तक मिलने की संभावना है। फाइजर का अमेरिका के साथ पहले से ही उसे टीके के 10 करोड़ डोज देने का समझौता है। फाइजर का टीका अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से मंजूरी पाने वाला कोविड-19 का पहला टीका है।