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UN में अमेरिका ने नहीं दिया इस्रराइल का साथ, 1979 के बाद पहली बार किया यह काम...

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने इस्रराइल से मांग की है कि वह फलस्तीनी क्षेत्र से अवैध यहूदी बस्तियां हटाएं। अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर पर वीटो करने से मना कर दिया है। यह दुलर्भतम क्षण

Bhasha
Published on: December 24, 2016 11:35 IST
United Nations- India TV Hindi
United Nations

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने इस्रराइल से मांग की है कि वह फलस्तीनी क्षेत्र से अवैध यहूदी बस्तियां हटाएं। अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर पर वीटो करने से मना कर दिया है। यह दुलर्भतम क्षण था, जब अमेरिका ने अपने वीटो शक्ति का इस्तेमाल नहीं किया और न ही मतदान में हिस्सा लिया। अमेरिका ने 1979 के बाद पहली बार अवैध यहूदी बस्तियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को मजबूत करते हुए इस्राइल की आलोचना की है। परिषद में उस समय तालियां बजने लगी जब सुरक्षा परिषद के बाकी 15 सदस्यों का समर्थन इस प्रस्ताव को मिल गया।

सुरक्षा परिषद के इस प्रस्ताव का विरोध इस्राइल के अलावा अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कर रहे थे। ट्रंप ने इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया करते हुए ट्विटर लिखा, संयुक्त राष्ट्र के लिए, 20 जनवरी के बाद स्थितियां बदल जाएंगी। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत सामंथा पावर का कहना है कि अवैध यहूदी बस्तियां इस्राइल और फलस्तीन के बीच दो-राष्ट्र समाधान में बाधक बन रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने इन अवैध यहूदी बस्तियों को अवैध करार दिया है और कहा है कि पिछले महीनों में यहां अवैध यहूदी बस्तियों का निर्माण बढ़ा है।

पश्चिमी किनारे की अवैध यहूदी बस्तियों में अभी 430,000 और पूर्वी यरूशलम में 200,000 यहूदी रह रहे हैं और फलीस्तीन पूर्वी यरूशलम को भविष्य की राजधानी के रूप में देखते हैं। प्रस्ताव में मांग की गई है इस्राइल तत्काल और पूरी तरह से अधिकृत फलस्तीनी क्षेत्र सहित पूर्वी य से अवैध यहूदी बस्तियां निर्माण की गतिविधियों पर रोक लगाए।

वहीं अमेरिका ने फलस्तीन में इस्राइली अवैध बस्तियों के निर्माण की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल करने से बचने से अपने निर्णय का बचाव किया है और कहा है कि द्वि-राष्ट्र समाधान निकालने के लिए वार्ता के सभी प्रयास विफल रहने के बाद यह असामान्य कदम उठाया गया। इस बीच, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वीटो से बचने को लेकर निवर्तमान ओबामा प्रशासन की निंदा की और ट्वीट किया, 20 जनवरी के बाद संयुक्त राष्ट्र के लिए चीजें अलग होंगी।

इस कदम को अमेरिका के निकटतम पश्चिम एशियाई सहयोगी को राजनयिक फटकार के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा, अमेरिका ने दिमाग में एक प्राथमिक उद्देश्य के तहत काम किया: द्वि राष्ट्र समाधान की संभावना को संरक्षित करना। दशकों से हर अमेरिकी प्रशासन ने इस बात पर सहमति जताई है कि इस्राइलियों एवं फलस्तीनियों के बीच न्यायसंगत एवं स्थायी शांति स्थापित करने के लिए यही समाधान एकमात्र तरीका है।

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