संयुक्त राष्ट्र। दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन के निर्माण के अंतिम चरण में हैं। अब सवाल उठता है कि यह वैक्सीन विकसित देशों के अलावा गरीब देशों तक कैसे पहुंचेगी। अब इसका जवाब संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ ने दिया है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) दुनिया का सबसे बड़ा एकल वैक्सीन खरीदार है, जो लगभग 100 देशों की ओर से नियमित टीकाकरण और प्रकोप की प्रतिक्रिया के लिए प्रतिवर्ष विभिन्न टीकों की 2 बिलियन से अधिक खुराक की खरीद करता है।
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यूनिसेफ के अनुसार वैश्विक स्तर पर कोरोना की वैक्सीन की खरीद और सप्लाई में यह केंद्रीय भूमिका निभाएगी। यूनिसेफ के अनुसार संभवतः अपनी तरह का दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज ऑपरेशन हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए यूनिसेफ कोरोनोवायरस वैक्सीन की खरीद और आपूर्ति का नेतृत्व करेगा ताकि सभी देशों में प्रारंभिक तक सुरक्षित, तेज और न्यायसंगत पहुंच हो सके।
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अब तक कई वैक्सीन के दावे देखते हुए, यूनिसेफ, पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (PAHO) के रिवाल्विंग फंड के सहयोग से, कॉक्स ग्लोबल वैक्सीन फेसिलिटी की ओर से COVID-19 वैक्सीन की खरीद और आपूर्ति के प्रयासों का नेतृत्व करेगा।
यूनिसेफ 80 उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं द्वारा खरीद का समर्थन करने के लिए खरीद समन्वयक के रूप में भी काम करेगा, जिन्होंने COVAX फेसिलिटी में भाग लेने का इरादा जताया है और अपने स्वयं के बजट से टीकों को वित्तपोषित करेंगे।
यूनिसेफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), गवी वैक्सीन एलायंस, महामारी के लिए महामारी तैयार करने वाले नवाचारों (सीईपीआई), पीएएचओ, विश्व बैंक, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर इन प्रयासों का संचालन करेगा।