संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र शांति दूत के रूप में चुनी गईं मलाला यूसुफजई ने कहा है कि आतंकवादियों ने उनकी हत्या करने की कोशिश की थी लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हुए और अब अपनी दूसरी जिंदगी में वह खासकर लड़कियों की शिक्षा के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लड़के भी लैंगिक समानता की पैरोकारी करेंगे।
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पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाली 19 वर्षीय मलाला ने कहा कि उन्हें अपने मुस्लिम होने पर गर्व है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस्लाम का अर्थ शांति है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि मीडिया में मुस्लिमों को आतंकवादियों एवं जिहादियों के तौर पर पेश किया जाता है।
उन्होंने कहा, लोगों को मुझे और उन मुस्लिमों की ओर देखना चाहिए जो शांति के साथ जी रहे हैं तथा जो शांति में विश्वास करते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा उन्हें नायक की संग्या देते हुए आधिकारिक तौर पर विश्व निकाय शांतिदूत के रूप में शपथ दिलाए जाने के बाद मलाला ने युवाओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए।