संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षण की निंदा की और जापान के ऊपर से प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में रॉकेट प्रक्षेपित करने के बाद प्योंगयांग से उसका कार्यक्रम रोकने की मांग की है। किम जोंग उन के उकसावे वाले हालिया कदम के बाद 15 राष्ट्रों वाले निकाय ने कल अपनी एकता बरकरार रखी। इसके साथ ही चीन और रूस भी उत्तर कोरिया की कार्रवाई की निंदा करने वाले एक बयान में हस्ताक्षर करने के लिए सहमत हो गये। बयान का मसौदा अमेरिका ने तैयार किया है। यह देखते हुए कि यह परीक्षण भी सुरक्षा परिषद के पिछले कई संकल्पों का उल्लंघन करके किया गया है, इस बयान में प्योंगयांग के खिलाफ तुरंत नए एवं कड़े कदम उठाए जाने की बात नहीं की गई है। (उत्तर कोरिया ने फिर किया मिसाइल परिक्षण, गुआम पर हमले की दी चेतावनी)
राजनियक सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि संरा सदस्यों ने जिस तेजी से प्रतिक्रिया दी, उससे एकजुट रहने के लिये उनका दृढ़ संकल्प रेखांकित होता है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में वार्ता के बाद जारी बयान में कहा गया है, सुरक्षा परिषद ने जोर दिया है कि डीपीआरके की कार्रवाई सिर्फ एक क्षेत्र के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के लिए खतरा है। इसमें कहा गया, सुरक्षा परिषद इस बात पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करती है कि डीपीआरके की, जापान के ऊपर से इस तरह का प्रक्षेपण करने की कार्रवाई, इसकी हालिया गतिविधियां और सार्वजनिक बयान सुनियोजित तरीके से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर करते हैं।
परिषद ने मांग की है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर विश्व निकाय के सभी संकल्पों का पालन करे। उत्तर कोरिया पर पहले से ही संयुक्त राष्ट्र के छह प्रतिबंध लगे हुये हैं, लेकिन इनसे किम की परमाणु मिसाइल महत्वाकांक्षाओं को दबाने के लिए बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। बयान के अनुसार, संकल्पों के मद्देनजर उत्तर कोरिया अपने सभी परमाणु हथियारों, मौजूदा परमाणु कार्यक्रमों को और इससे संबंधित गतिविधियों को तत्काल बंद कर दें। इसमें कहा गया है प्योंगयांग को परमाणु परीक्षण नहीं करना चाहिए और न ही उकसावे की कार्रवाई को अंजाम देना चाहिए। उसे सामूहिक विनाश के किसी अन्य मौजूदा हथियारों को तत्काल त्याग देना चाहिए। बयान के अंत में कहा गया है कि निकाय, बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण एवं समग्र समाधान निकालने के लिए परिषद के सभी सदस्यों एवं अन्य राष्ट्रों के प्रयासों का स्वागत करता हैं।