संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेज ने सात मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंध की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस प्रकार अंधेरे में चलाए गए तीर से आतंकवाद से निपटने में मदद नहीं मिलेगी। गुटेरेस ने कहा कि अपनी सीमाओं पर नियंत्रण मजबूत करने की कोशिश कर रहे देश धर्म, जाति या राष्ट्रीयता संबंधी किसी प्रकार के मतभेद के आधार पर ऐसा नहीं कर सकते।
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उन्होंने यात्रा प्रतिबंध संबंधी विवाद पर कल पहली बार बयान देते हुए कहा कि इस प्रकार के भेदभाव से बड़े स्तर पर चिंता एवं गुस्सा पैदा होता है जिससे उन आतंकवादी संगठनों को दुष्प्रचार करने में मदद मिलती है जिनके खिलाफ हम सभी लड़ना चाहते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी शरणार्थियों के प्रवेश पर कम से कम 120 दिनों, सीरियाई शरणार्थियों पर अनिश्चितकाल तक और ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया एवं यमन के नागरिकों के प्रवेश पर 90 दिनों की रोक लगाने का शासकीय आदेश दिया है।
गुटेरेस ने कहा, ठोस खुफिया जानकारी के बिना अंधे में चलाए गए तीर निष्प्रभावी रहते हैं। उन्होंने कल जारी अपने बयान में अमेरिकी प्रतिबंध का स्पष्ट जिक्र नहीं किया लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि उनका यह बयान विवादास्पद कदम उठाए जाने की प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि वह विश्व में लिए जा रहे उन निर्णयों को लेकर चिंतित हैं जो अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, यह उन मौलिक सिद्धांतों एवं मूल्यों के खिलाफ है जिन पर हमारा समाज आधारित है।