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ईदोगान ने जीता तुर्की जनमत संग्रह, विपक्ष ने लगाया गड़बड़ी का आरोप

तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब ईदोगान ने एक ऐतिहासिक जनमत संग्रह मामूली अंतर से जीत लिया जिससे सत्ता पर उनकी पकड़ और मजबूत होगी लेकिन इस परिणाम को लेकर देश बंट गया है और विपक्ष ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है।

India TV News Desk
Published on: April 17, 2017 9:57 IST
turkey referendum president taiyyap erdogan claims victory- India TV Hindi
turkey referendum president taiyyap erdogan claims victory

इस्तांबुल: तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब ईदोगान ने एक ऐतिहासिक जनमत संग्रह मामूली अंतर से जीत लिया जिससे सत्ता पर उनकी पकड़ और मजबूत होगी लेकिन इस परिणाम को लेकर देश बंट गया है और विपक्ष ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इस जनमत संग्रह में ऐसे संवैधानिक बदलावों को हरी झंडी दी गई है जो ईदोगान को आधुनिक तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क और उनके उत्तराधिकारी इस्मत इनोनु बाद किसी भी अन्य नेता से अधिक शक्तियां देंगे। सरकारी संवाद समिति अनादोलु ने कल निर्वाचन आयोग के हवाले से बताया कि 99.5 प्रतिशत मतपत्र पेटियों की गिनती के अनुसार हां मुहिम को 51.4 प्रतिशत मत मिले जबकि ना मुहिम को 48.6 प्रतिशत मत मिले।

इस परिणाम की घोषणा के बाद ईदोगान ने समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर झंडे फहराए। ईदोगान ने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए तुर्की की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, हमने लोगों के साथ हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण सुधार को पहचान लिया है। सुप्रीम इलेक्शन बोर्ड के प्रमुख सादी गुवेन ने पुष्टि की कि हां, खेमा विजयी रहा है लेकिन विपक्ष ने इस परिणाम को चुनौती देने का संकल्प लिया है। यह जनमत संग्रह ऐसे समय में कराया गया है जब देश में आपातकाल लागू है। पिछले साल जुलाई में ईदोगान के खिलाफ असफल सैन्य क्रांति के बाद हुई कार्रवाई में इस आपातकाल के दौरान 47,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इस मुहिम के मतों की गणना की शुरूआत में ना खेमा काफी पीछे था लेकिन अधिक मतपत्रों की गिनती होने के साथ ही इस खेमे ने रफ्तार पकड़ी । बहरहाल, वह हां खेमे से आगे नहीं निकल सका। तुर्की के प्रधानमंत्री बिन अली यिल्दिरीम ने कहा, यह निर्णय लोगों ने लिया है। हमारे लोकतंत्र के इतिहास में एक नये अध्याय का सूत्रपात हुआ है। संवैधानिक बदलावों के तहत प्रधानमंत्री के काम में भी बदलाव आएगा।

टेलीविजन पर शुक्रवार को प्रसारित हुए एक साक्षात्कार में ईदोगान ने स्पष्ट जीत का भरोसा जताया था और कहा था कि चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार उनके खेमे को 55 से 60 प्रतिशत मत मिलेंगे लेकिन मत प्रणालियों ने दर्शाया कि इन बदलावों को लेकर तुर्की काफी बंटा हुआ है। ना खेमा देश के तीन बड़े शहरों इस्तांबुल, अंकारा और इजमिर में विजयी रहा। इस बीच, यूरोपीय आयोग के प्रमुख ज्यां क्लाउदे जंकर ने एक बयान में और ईयू विदेश मामलों की प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी ने कहा है कि परिमाण के इतना करीबी रहने के मद्देनजर तुर्की प्राधिकारियों को बदलावों के लिए सबसे संभावित व्यापक राष्ट्रीय सर्वसम्मति लेने की कोशिश करनी चाहिए। तुर्की के दो बड़े विपक्षी दलों पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी ने कहा कि वे कथित उल्लंघनों को लेकर परिणामों को चुनौती देंगे।

 

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