जोहान्सबर्ग: नेल्सन मंडेला के करीबी सहयोगी रहे भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी रंगभेद विरोधी नेता अहमद कथरादा को आज श्रद्धांजलि दी गई और उनकी आखिरी विदाई में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कथरादा का मस्तिष्क के ऑपरेशन में आयी कुछ जटिलताओं के कारण कल डोनाल्ड गॉर्डन अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। राजनीतिक बंदी के रूप में सबसे लंबा समय गुजारने वाले देश के नेताओं में से एक अहमद को निर्जलीकरण की शिकायत के बाद चार मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में डॉक्टरों ने उनके मष्तिष्क में थक्का जमा हुआ देखा और उसे हटाया।
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कथरादा के पार्थिव शरीर को वेस्टपार्क कब्रगाह ले जाने से पहले जनाजे की नमाज अदा की गयी। मंडेला की पूर्व पत्नी विनी मंडेला भी शामिल हुईं। बहरहाल, दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा से कथरादा के परिवार ने आखिरी विदाई में शामिल नहीं होने के लिए कहा था। हाल के दिनों में कथरादा जुमा सरकार की आलोचना कर रहे थे।
अहमद कथरादा का जन्म 21 अगस्त, 1929 को दक्षिण अफ्रीका के उत्तरी-पश्चिमी प्रांत में हुआ था। उन्होंने 26 साल तीन महीने का वक्त जेल मेंं गुजारा। इसमें 18 वर्ष की सजा उन्होंने रोबेन द्वीप पर काटी। जेल मेंं रहते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय से चार डिग्रियां अर्जित कीं। कथरादा को 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा था। भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों कोे दिया जाने वाला यह भारत का सर्वोच्च सम्मान है।