बगदाद: आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का एक शीर्ष कमांडर उमर अल शिशानी इराक में मारा गया। जिहादियों से संबद्ध अमाक एजेंसी ने यह जानकारी दी। पेंटागन ने मार्च में ऐलान किया था कि उमर द चेचन के नाम से जाना जाने वाला शिशानी उत्तर पूर्वी सीरिया में अपने काफिले में हुए हवाई हमले में घायल होने के बाद शायद मर गया है। बहरहाल, अमाक का दावा इससे बिल्कुल उलट है। अमाक ने सेना के एक सूत्र का हवाला देते हुए कल कहा कि शिशानी शरकत शहर में मारा गया। उस समय वह मोसुल शहर में सैन्य अभियान के खिलाफ सक्रिय था। इराकी बलों का मोसुल को अपने कब्जे में लेने के लिए अभियान अंतिम चरण में है।
जिहादी समूह के लिए बड़ा झटका
पेंटागन ने बताया कि शरकत शहर मोसुल के उत्तर में सड़क के किनारे है लेकिन इराकी बल हाल ही में कयारा इलाके में स्थित एक प्रमुख सैन्य स्टेशन को पुन: अपने नियंत्रण में लेने के लिए शरकत को छोड़ कर आगे बढ़ गए। कयारा शरकत के और आगे उत्तर में है। अमाक ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि शिशानी कब मारा गया। लेकिन कमांडर का मारा जाना जिहादी समूह के लिए बड़ा झटका है। गुट को इस साल इराक में गहरा नुकसान उठाना पड़ा है।
IS के कुख्यात चेहरे शिशानी पर था ईनाम 50 लाख डॉलर
शिशानी के अलावा अमेरिका ने आईएस के उप नेता अब्द अर रहमान मुस्तफा अल कदूली के मार्च में मारे जाने का भी ऐलान किया था। आईएस के कुख्यात चेहरों में से एक शिशानी का आधार जॉर्जिया में था। वह वॉशिंगटन के सर्वाधिक वांछित आईएस नेताओं में से एक था जिनके सिर पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम रखा था। उसका असली दर्जा अस्पष्ट है लेकिन अमेरिकी अधिकारी ने उसे जिहादी समूह के रक्षा सचिव के समकक्ष बताया।
शिशानी पूर्व सोवियत राज्य जॉर्जिया के पान्किसी जॉर्ज शहर का रहने वाला था जहां मूल निवासी चेचनों की बहुलता है। उसने चेचन विद्रोही के तौर पर रूसी बलों के खिलाफ हथियार उठाए थे। वर्ष 2006 में वह जॉर्जिया की सेना में शामिल हो गया तथा 2008 में वह एक बार फिर रूसी बलों के खिलाफ लड़ा। इसके बाद वह विदेशी लड़ाकों के एक समूह के कमांडर के तौर पर उत्तरी सीरिया में नजर आया और फिर आईएस का एक बड़ा नेता बन गया।