तीन दिवसीय यात्रा पर इजरायल गए पीएम मोदी आज अपनी यात्रा के अंतिम दिन हायफा पहुंंचे। यहां उन्होंने शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बीते बुधवार को पीएम मोदी ने एक घोषणा पत्र जारी कर कहा कि 'मैं कल हायफा जाकर प्रथम विश्व युद्ध में 44 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। यह मेरे दिल के बेहद करीब है।' 99 साल पहले पहले विश्व युद्ध में भारतीय सेना ने हाइफा को तुर्की से आजाद करवाया था। हायफा में हुआ यह युद्ध इसलिए भी खास था क्योंकि उस समय भारतीय सेना के पास कोई आधुनिक हथियार नहीं थे। (इस जानवर का योग देख, आप दबा लेंगे दांतों तले उंगलियां)
भारतीय सेना ने केवल घोड़े की सवारी, लेंस और तलवारों का इस्तेमाल किया था। इस युद्ध में तुर्की के पास बारूद और मशीनगन थी। लेकिन फिर भी भारतीय सेना ने उन्हें धूल चटा दी। केवल तलवार और भाले से ही भारतीय सेना ने तुर्की की सेना को हरा दिया था। उस समय मेजर दलपत शेखावत भारत की ओर से अगुवाई कर रहे थे। कुल 1,350 जर्मन और तुर्क कैदियों पर भारतीय सैनिकों ने कब्जा कर लिया था।
बेंजामिन नेतन्याहू के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हायफा पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इजरायल की संसद में संबोधन भी होगा। मगर इसके पहले वे तेल अवीव पहुंचेंगे और रास्ते में कुछ देर रूकेंगे। शाम करीब 7.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी की उड़ान भर देंगे। यहां वे जी 20 समिट में भागीदारी करेंगे।