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जकार्ता हमले के तीन हमलावर गिरफ्तार, एक के घर से मिला ISIS का झंडा

इंडोनेशिया पुलिस ने देश की राजधानी के मध्य में गुरुवार को हुए हमलों के संबंध में आज (शुक्रवार) तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए हमलावरों में से एक के घर से इस्लामिक स्टेट का झंडा बरामद किया गया है।

India TV News Desk
Updated on: January 15, 2016 18:01 IST
Jakarta- India TV Hindi
Jakarta

जकार्ता: इंडोनेशिया पुलिस ने देश की राजधानी के मध्य में गुरुवार को हुए हमलों के संबंध में आज (शुक्रवार) तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए हमलावरों में से एक के घर से इस्लामिक स्टेट का झंडा बरामद किया गया है। झंडे की बरामदगी से अधिकारियों के इस दावे को बल मिलता है कि इस हमले को इस्लामिक स्टेट ने अंजाम दिया है जिसका सीरिया और इराक में एक बड़े क्षेत्र पर कब्जा है और जो इस्लामी खिलाफत स्थापित करना चाहता है। गौरतलब है कि इस आतंकी समूह ने विश्वभर से 30 हजार विदेशी लड़ाकों को आकर्षित किया है। इनमें सैकड़ों इंडोनेशियाई और मलेशियाई लोग भी शामिल हैं।

पुलिस ने आपराधिक जांच मामलों के निदेशक कर्नल कृष्णमूर्ति के हवाले से कहा कि तीनों की गिरफ्तारी जकार्ता के बाहरी इलाके में देपोक क्षेत्र स्थित उनके घरों से हुई। इसने कहा कि इन लोगों को हमलावरों से संबंध होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। मेट्रो टीवी ने गिरफ्तार किए गए लोगों की फुटेज प्रसारित की। उनके हाथ बंधे हुए थे और पुलिस उन्हें लेकर जा रही थी। बीते गुरुवार को पांच लोगों ने देसी बमों, बंदूकों और आत्मघाती बेल्टों से स्टारबक्स कैफै और एक यातायात पुलिस बूथ पर हमला किया था जिसमें दो लोग- एक कनाडाई और एक इंडोनेशियाई मारे गए तथा 20 अन्य घायल हो गए। बाद में हमलावर या तो आत्मघाती जैकेटों या पुलिस की गोलीबारी में मारे गए।

राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता मेजर जनरल अंतोन चारलियां ने संवाददाताओं को बताया कि हमलावरों में से एक के घर में आईएस का काला झंडा पाया गया और पुलिस का मानना है कि उसने उनकी शिनाख्त कर ली है। उन्होंने कहा कि पांच हमलावरों में से दो को पहले दोषी ठहराया गया था और आतंकवाद के अपराध में उन्हें जेल हुई थी। यदि हमलावरों का आईएस से संपर्क साबित हो जाता है तो यह इंडानेशियाई सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती होगा क्योंकि अब तक माना जाता था कि समूह के साथ केवल सहानुभूति रखने वाले लोग हैं और कोई भी सक्रिय इकाई इस तरह का हमला करने की योजना नहीं बना रही है। हाल के वर्षों में इंडोनेशिया के आतंकवाद रोधी बल एक अन्य चरमपंथी समूह जेमाह इस्लामिया का सफलतापूर्वक खात्मा कर चुके हैं। यह समूह 2002 में बाली में बारों में बम विस्फोटों सहित इंडोनेशिया में कई हमलों के लिए जिम्मेदार था। बाली विस्फोटों में 202 लोग मारे गए थे। 2009 में दो होटलों में हुए विस्फोटों में सात लोगों की मौत हो गई थी।

विशेषज्ञों का कहना है कि इंडोनेशिया में आईएस समर्थक जेमाह इस्लामिया के शेष बचे लोगों से निकले हैं। ऐसा माना जाता है कि इंडोनेशिया से सैकड़ों लोग आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया गए हैं। इनमें से कुछ वापस आ गए हैं। पुलिस का मानना है कि हो सकता है कि आईएस के इंडोनेशियाई आतंकी बहरूम नईम ने जकार्ता हमले के लिए हमलावरों को प्रेरित किया हो। नईम इस समय सीरिया में है। कल हुए हमलों से जकार्ता के लोग हिल उठे थे, लेकिन वे दहशतजदा नहीं हैं। स्टारबक्स कैफे के पास आज पुलिस की भारी घेराबंदी दिखी। आम लोग और पत्रकार भी इस स्थल के पास जुटे। कुछ लोग पुष्प और संदेश रखते दिखे। अखबारों में हमले की खबर सुर्खियों के साथ छपी है और लिखा है कि हमले के खिलाफ इंडोनेशिया एकजुट है। यह हमला 2009 के बाद से इंडोनेशिया में हुआ पहला हमला है।

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