बगदाद: इराक में मोसुल के पश्चिमी घनी आबादी वाले इलाकों में चल रहे सैन्य अभियान के कारण बुधवार को हजारों नागरिकों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा। इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी द्वारा 19 फरवरी को पश्चिमी मोसुल में आंतकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से अब तक लगभग 16,500 नागरिक विस्थापित हो चुके हैं। बीते दो दिनों में ही 12,700 नागरिकों को पलायन करना पड़ा है।
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विस्थापित परिवार मुख्यत: मोसुल के दक्षिण हिस्से में स्थित हम्माम अल अलील का रुख कर रहे हैं, जहां सुरक्षा जांच चल रही है और उसके बाद वे विस्थापितों के लिए बने शिविर और आपातकालीन ठिकानों पर जा रहे हैं। विस्थापित नागरिकों को वहां आपातकालीन सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। विस्थापितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके चलते शिविर में और जगह की जरूरत है। फिलहाल 85,000 लोगों की एक और खेप शिविर में रह सकती है। शिविर की क्षमता को बढ़ाने पर काम चल रहा है।
मोसुल के एक 46 वर्षीय शख्स ने कहा, "स्थिति अविश्वसनीय है।" उसने आगे कहा, "भोजन नहीं है, साफ पानी नहीं है, खाना बानने के लिए गैस नहीं है, चिकित्सा व किसी किस्म की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।" विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) अब तक 6,000 से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध करा चुकी है। इराकी प्रतिनिधि एवं देश में डब्ल्यूएफपी के निदेशक सैली हेडॉक ने सभी दलों से सभी इराकियों के लिए तत्काल बेरोक-टोक मानवीय सहायता उपलब्ध कराने की अपील की है। इराक की राजधानी बगदाद से 400 किलोमीटर दूर मोसुल जून 2014 से आईएस के कब्जे में है। स्थानीय मीडिया र्पिोटों के मुताबिक, आतंकवाद-रोधी सेवा (सीटीएस) के सुरक्षा बल भारी नुकसान उठाते हुए स्थानीय सरकार की इमारत के करीब पहुंच गए हैं।