तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को कहा कि यह समय देशों के बीच दीवारें खड़ी करने का नहीं है और उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना विश्व व्यापार समझौते को रद्द करने के कदम की आलोचना की। रूहानी की यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा अमेरिका-मेक्सिको की सीमा पर दीवार खड़ी करने तथा ईरान सहित सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका आने की राह में नियमों को सख्त करने को लेकर कदम उठाने के बाद आई है।
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रूहानी ने तेहरान में एक पर्यटन सम्मेलन में कहा, "वह भूल चुके हैं कि काफी साल पहले बर्लिन की दीवार गिरा दी गई। अगर फिर भी देशों के बीच दीवारें हैं, तो उन्हें गिरा दी जानी चाहिए।" रूहानी ने वीजा प्रतिबंध पर सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा कि ईरान साल 2015 में दुनिया की शक्तियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से ही विदेशी पर्यटकों के लिए अपने 'दरवाजे खोल चुका है। अमेरिका में ईरान के 10 लाख से अधिक नागरिक रह रहे हैं, कई परिवार ट्रंप के वीजा प्रतिबंध के आशय को लेकर चिंतित हैं, जिससे इराक, सोमालिया, सूडान, सीरिया तथा यमन के लोग भी प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा, "विश्व व्यापार समझौते को खत्म करने से उनकी अर्थव्यवस्था को कोई मदद नहीं मिलेगी और न ही वैश्विक अर्थव्यवस्था को इससे फायदा होगा।" इससे पहले, ईरान की मशहूर अभिनेत्री तारानेह अलीदूस्ती ने कहा कि वीजा पर प्रतिबंध को लेकर वह फरवरी में आयोजित होने वाले अकेडमी अवार्ड्स का बहिष्कार करेंगी। उन्होंने कहा, "ट्रंप द्वारा ईरानियों के लिए वीजा पर पाबंदी नस्लवादी है। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों को शामिल किया जाए या नहीं, मैं अकेडमी अवार्ड्स 2017 में शिरकत नहीं करूंगी।" तारानेह ने ऑस्कर नामांकित फिल्म 'द सेल्समैन' में भूमिका निभाई है।
उल्लेखनीय है कि सात देशों के प्रवासियों, शरणार्थियों या आगंतुकों को कम से कम 90 दिनों तक अमेरिका का वीजा नहीं दिया जाएगा। अमेरिका जाने की इच्छा रखने वाले इन सातों देशों के लोगों को उनके देश द्वारा उनके अमेरिका जाने के लिए ठोस कारण बताने होंगे, ऐसा करने में नाकाम होने पर पाबंदी की अवधि बढ़ाई जा सकती है। ट्रंप ने शरणार्थी कार्यक्रम को 120 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है और खासकर सीरिया के शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर अगले आदेश तक पाबंदी लगा दी है।