सिडनी: विश्व के जाने माने देशज गायक गुरूमूल का 46 वर्ष की आयु में बीमारी से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया। उनके प्रबंधन ने आज यह जानकारी दी। ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की। वे जन्म से दृष्टिहीन थे। उन्होंने कभी कोई साक्षात्कार नहीं दिए, वे इन सब से दूर ही रहते थे। लेकिन उनके संगीत को दुनियाभर में प्रशंसा मिली वह भी तब जबकि वे अपनी मूल भाषा गियामात्ज में प्रस्तुति देते थे जिसे महज 3,000 लोग ही समझा पाते हैं। (चीनी सेना का दावा, भारत ने डोकलाम क्षेत्र में घुसपैठ की बात स्वीकारी)
गायक का पूरा नाम जेफरी गुरूमूल युनुपिंगु है। उनका निधन रॉयल डारविन अस्पताल में हुआ। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मेल्कम टर्नबुल समेत बड़ी संख्या में ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए गायक को श्रद्धांजलि दी।
टर्नबुल ने ट्वीट किया, डॉ जी युनुपिंगु एक बेहतरीन ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति थे जिन्होंने संगीत के जरिए योलन्गु भाषा को दुनियाभर तक पहुंचाया। उनके दोस्तों और परिजनों के साथ संवेदनाएं। गुरूमूल ने दुनियाभर के संगीतज्ञों के साथ काम किया। उन्होंने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समक्ष भी प्रस्तुति दी। वे कथित तौर पर यकृत और गुर्दे से संबंधित रोगों से जूझा रहे थे।