नयी दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात ने आज कहा कि डोकलाम मामले में भारत और चीन के बीच किसी भी तरह से तनाव बढना क्षेत्र के देशों के लिए बहुत बाधक होगा और दोनों देशों को इस मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। यूएई के विदेश राज्यमंत्री अनवर गर्गश ने कहा कि उनका देश इस मुद्दे पर नजर रखे हुए है और उन्हें आशा है कि दोनों महाशक्तियां इस सुलझाने का रास्ता खोज लेंगी। अनवर ने आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सभी प्रमुख द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। कश्मीर में पाकिस्तान के हस्तक्षेप पर गर्गश ने कहा कि हम ऐसी चीजों की कठोर निंदा करते हैं जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि खाड़ी क्षेत्र में ऐसी हरकत कतर कर रहा है। वह भी अलगाववादियों को आश्रय दे रहा है। इस दौरान सुषमा स्वाराज ने गर्गश कहा कि वह यूएई में रह रहे भारतीयों के हितों का ध्यान रखें। हाल ही में एक अधिकारी ने कहा कि डोकलाम पर स्थिति सामान्य है भारतीय सेना ना तो युद्ध करना चाहती है और ना ही शांति। (भारत-चीन सीमा विवाद के चलते चीन ने बढ़ाए सैनिक, 80 तंबू गाड़े)
गौरतलब है कि भारत-चीन गतिरोध के चलते चीन के एक बार फिर सीमा पर अपनी उपस्थिति तेज कर दी है। खबरों की माने तो चीन ने सीमा पर 90 तंबू गाड़े हैं। अनुमान लगया जा रहा है कि इन तंबूओं 50 से अधिक सैनिक हो सकते हैं। लेकिन भारतीय सैनिकों की मानें तो चीन ने करीब 300 पीएलए सैनिकों को तैनात किया हुआ है। भारतीय सरकार ने सीमा पर अपने 350 सैनिक तैनात किए हैं जो 30 तंबूओं में रह रहे हैं। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात पर कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है। उन्होंने बताया कि विरोधी की तरफ से किसी भी तरह की हलचल की उम्मीद नहीं है। लेकिन भारतीय सैना डोकलाम के आसपास लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है।
चीन के सरकारी स्वामित्व वाले अखबार 'चाइना डेली' में बुधवार को प्रकाशित संपादकीय में भारत को आगाह करते हुए कहा गया कि 'उलटी गिनती शुरू हो चुकी है'। अखबार लिखता है, "भारत अगर डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाता है तो इसका जिम्मेदार वह खुद होगा।" जून के मध्य में सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के सैनिकों के बीच तकरार की स्थिति बनी हुई है और तब से चीनी मीडिया लगातार भड़काऊ लेखों के जरिए भारत को उकसाने और धमकाने में लगा हुआ है।