3. हाजी अली दरगाह, मुंबई: इस दरगाह को 15वी सदी में संत पीर पीर हाजी अली बुखारी की शान में बनवाया गया था। इस दरगाह में रोजाना 15 से 20 हजार लोग यहां आते हैं। इस दरगाह में महिलाओं का आना मना है। माना जाता है कि शरिया लॉ में महिला का समाधि स्थल पर जाना गैरइस्लामी है। कईं वुमन राइट्स वालों ने यहां महिलाओं के प्रवेश के लिए आंदोलन भी किए हैं।
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