जोहांसबर्ग: फ्रांस सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्रता सेनानी अहमद कथ्रादा को समाज के प्रति उनकी सेवा को देखते हुए उन्हें प्रतिष्ठित 'नाइट' सम्मान से सम्मानित किया है। यह जानकारी शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट से सामने आई है। फ्रांस के राष्ट्रीय बासिल डे के मौके पर दक्षिण अफ्रीका में फ्रांसीसी राजदूत एलिजाबेथ बार्बियर ने कथ्रादा को नाइट सम्मान प्रदान किया, तथा देश के लोकतंत्र की दिशा में उनके प्रयासों की सराहना की। वेबसाइट 'जैकरनडाएफएम डॉट कॉम' के मुताबिक, यह सम्मान नेशनल आर्डर्स ऑफ द लेजियन ऑफ ऑनर का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत नेपोलियन बोनापार्ट ने मई 1802 में की थी।
कथ्रादा (85) रंगभेद विरोध आंदोलन के नेता दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के विश्वास पात्र बन गए थे। कथ्रादा ने अपने संघर्षो के दौरान 26 साल कारावास में बिताया और इसमें से 18 साल वह राबन द्वीप पर रहे।
1954 में कथ्रादा को नजरबंद कर दिया गया और नजरबंदी का उल्लंघन करने पर उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया। जेल में रहने के दौरान उन्होंने बीए (इतिहास, अपराधशास्त्र), बी बिबलियोग्राफी(अफ्रीकी राजनीति और पुस्तकालय विज्ञान), बीए ऑनर्स (इतिहास), बीए ऑनर्स (अफ्रीकी राजनीति) की डिग्रियां हासिल की। कथ्रादा 1994 में संसद के लिए निर्वाचित हुए और मंडेला के संसदीय सलाहकार की भूमिका अदा की। फ्रांसीसी नाइट सम्मान 20 साल तक लोक सेवा करने या 25 साल तक पेशेवर जिंदगी में बिताने वाले व्यक्ति को दिया जाता है।