दुबई: सऊदी अरब ने महिलाओं के हक में फैसला लेते हुए कहा है कि वह निजी स्कूलों के बाद अब सरकारी स्कूलों में भी लड़कियों को खेलों में भाग लेने की मंजूरी देगा। देशभर में महिलाएं और अधिक अधिकारों तथा खेलों में भाग लेने की वर्षों से मांग कर रही हैं जिसके बाद अब यह कदम उठाया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने कल कहा था कि वह धीरे-धीरे और इस्लामिक शरिया कानूनों के अनुसार शारीरिक शिक्षा की कक्षाएं शुरू करेगा। (ब्रिटेन में सिखों ने अवैध तरीके से घुसाए 69 अफगानियों को)
सऊदी अरब के एक कार्यकर्ता ने ट्विटर पर पूछा कि क्या लड़कियों को खेलों में भाग लेने से पहले पुरुष संरक्षक जैसे कि पिता से अनुमति लेनी होगी। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या ये कक्षाएं पाठ्य कार्यक्रम का हिस्सा हैं या अनिवार्य हैं। सरकारी स्कूलों में लड़कियों को खेलों में भाग लेने की मंजूरी देने का फैसला सऊदी अरब में काफी अहम है क्योंकि यहां महिलाओं का खेलना अब भी अच्छा नहीं माना जाता है। देश के कुछ कट्टरपंथी महिलाओं के खेलने को निर्लज्ज बताते हैं।
चार साल पहले देश में निजी स्कूलों में लड़कियों को खेलों में भाग लेने की अनुमति दी गई थी। महिलाएं पहली बार 2012 के लंदन खेलों के दौरान सऊदी अरब की ओलंपिक टीम का हिस्सा बनीं थी। सऊदी अरब में महिलाओं को लेकर काफी रूढ़िवादी मानसिकता है। महिलाओं के गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध है और उन्हें विदेश यात्रा करने या पासपोर्ट बनवाने के लिए पुरुष संरक्षक की अनुमति लेना अनिवार्य होता है।