संयुक्तराष्ट्र: सीरियाई युद्ध में अत्यंत नाटकीय तरीके से रूस का दखल देना औऱ अमेरिका का उसका विरोध करना सहसा शीतयुद्ध की याद दिला देता है। मॉस्को और अमेरिकी सुरक्षा बलों के बीच किसी भी टकराव की आशंका को रोकने के मद्देनजर दोनों देश आपात सैन्य वार्ता बुलाने पर सहमत हो गए हैं।
तीन दशक बाद पूर्व सोवियत संघ के बाहर रूसी सैन्य कार्रवाई
वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने रूसी युद्धविमानों द्वारा सैन्य कार्रवाई शुरू करने पर चिंता जताई। 1979 तक अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के कब्जे के बाद पूर्व सोवियत संघ के बाहर के क्षेत्र में रूस द्वारा किया गया यह पहला हमला है।
अमेरिका का आरोप – रूस ने उदारवादियों पर की बमबारी
अमेरिकियों ने रूस पर आरोप लगाया है कि उसने इस्लामिक स्टेट समूह पर हमले की आड़ में बशर अल असद के शासन का मुकाबला करने वाले उदारवादी धड़े के बागियों पर हमला किया है। उन्होंने शिकायत की कि अमेरिका नीत गठबंधन ने पहले से ही जिहादियों के खिलाफ हवाई युद्ध छेड़ रखा है और बमबारी शुरू होने से महज एक घंटा पहले बगदाद में रूसी जनरल ने उन्हें इसकी सूचना दी।
तीखी बयानबाजी के बाद वार्ता
वाशिंगटन और संयुक्त राष्ट्र में तीखे सार्वजनिक बयान के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और रूसी समकक्ष सरगेई लावरोव ने इस विवाद पर विकट परिस्थिति में आत्मविश्वास से काम किया। न्यूयार्क में कल संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर मुलाकात के दौरान दोनों ने कहा कि वे सैन्य कार्रवाई की समाप्ति पर बातचीत करेंगे और सीरियाई राजनीतिक शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव की रूपरेखा तैयार करेंगे।
वार्ता सफल रही, पर क्या टकराव खत्म होगा
केरी ने कहा, ‘हम हरसंभव इस पर सहमत हुए हैं... संभवत: कल से ही... लेकिन जितनी जल्दी संभव होगा हम सैन्य स्तर पर टकराव की समाप्ति पर चर्चा करेंगे।‘ लावरोव ने इस बात से सहमति जताई कि वार्ता सार्थक रही और दोनों ने ही कहा कि वे राजनीतिक प्रक्रिया पर अपने विचारों को अपने अपने राष्ट्रपतियों - रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से साझा करेंगे। अमेरिका के रक्षा मंत्री एश कार्टर ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि वे ऐसे इलाकों में भी हैं जहां आईएसआईएल की मौजूदगी नहीं है।‘