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क्रेमलिन ने कहा, पश्चिम द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों का विरोध करेगा रूस

रूस में विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी को जहर दिये जाने और गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम के प्रतिबंधों को क्रेमलिन ने बुधवार को अपुष्ट व निराधार करार दिया लेकिन चेताया कि मास्को प्रतिबंधों का विरोध करेगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 03, 2021 23:15 IST
Russia says new Western sanctions 'absolutely unacceptable'- India TV Hindi
Image Source : PTI रूस ने पश्चिम के प्रतिबंधों को अपुष्ट व निराधार करार दिया लेकिन चेताया कि मास्को प्रतिबंधों का विरोध करेगा।

मास्को: रूस में विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी को जहर दिये जाने और गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम के प्रतिबंधों को क्रेमलिन ने बुधवार को अपुष्ट व निराधार करार दिया लेकिन चेताया कि मास्को प्रतिबंधों का विरोध करेगा। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के लिये आम बोलचाल में क्रेमलिन शब्द इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने मंगलवार को नवलनी पर नर्व एजेंट हमले और बाद में उन्हें जेल में बंद किये जाने को लेकर एक दर्जन से ज्यादा रूसी प्रतिष्ठानों के साथ ही सात रूसी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। 

यह यूरोपीय संघ (ईयू) के समन्यवय में उठाया गया कदम था जिसने मंगलवार को ही अपने प्रतिबंध बढ़ाए थे। अमेरिका और ईयू के फैसलों पर टिप्पणी करते हुए क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि शीर्ष रूसी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध जिनमें उनके बैंक खातों से लेन-देन पर रोक शामिल है यह रूस के कानून की ही नकल है जो विदेश में रकम जमा करने और अन्य संपत्ति जुटाने को प्रतिबंधित करता है। 

पेस्कोव ने संवाददाताओं के साथ एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कहा, “ये लोग वैसे भी विदेश यात्रा नहीं करते हैं और इन्हें विदेशी बैंकों में खाता खोलने या कोई अन्य विदेशी संपदा रखने का अधिकार नहीं है।” इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और ईयू के प्रतिबंध रूस के आंतरिक मामलों कें दखल को दर्शाते हैं और पूर्णत: अस्वीकार और पहले से खराब रिश्तों को और नुकसान पहुंचाने वाले हैं। 

पेस्कोव ने चेतावनी दी कि रूस अपनी प्रतिक्रिया चुनेगा जो उसके हितों को साधने वाली होगी और प्रासंगित सरकारी एजेंसियां अपने प्रस्तावों का मसौदा तैयार कर उन्हें क्रेमलिन के समक्ष पेश करेंगी। उन्होंने कहा, “राष्ट्रों के बीच संबंधों में पारस्परिकता के सिद्धांत को छोड़ा नहीं जा सकता।”

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