बेरूत: सीरिया के निगरानी समूह ने आरोप लगाया है कि विद्रोही कई परिवारों को पूर्वी अलेप्पो छोड़कर जाने से रोक रहे हैं, क्योंकि रूस समर्थित सरकारी बलों ने विद्रोहियों के घेरेबंदी वाली जगह पर बमबारी तेज कर दी है। बहरहाल, सीरिया और रूस की सरकारी मीडिया इस बात पर कायम है कि विद्रोहियों ने मानव शरणस्थली के रूप में प्रयुक्त 275,000 एन्क्लेव पर कब्जा किया है, यहां तक कि सरकारी वायुसेना ने भी पूर्वी इलाकों के अस्पतालों और प्रथम प्रतिक्रिया समूहों पर हमले किए हैं। (विदेश की बाकी खबरों के लिए पढ़ें)
दूसरी ओर विद्रोही यह दिखाना चाहते हैं कि नागरिक कभी भी सरकार के कड़े नियम-कायदों की ओर लौटना स्वीकार नहीं करेंगे। रूस सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन करता है। सीरियन आब्जर्वेटरी फॉर ह्युमन राइट्स की रिपोर्ट के अनुसार 100 परिवार अभी इस जगह को छोड़कर जाने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि वाईपीजी की सहयोगी सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस ने कहा कि ढाई सौ नागरिक जाने की तैयारी में हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य मानवीय अधिकारी स्टीफेन ओ ब्रायन ने सोमवार को कहा था कि स्थितियां भयानक से और भयानक हो गईं हैं और अब वहां गुजारा करना बेहद मुश्किल है। रूस ने सीरिया में सैन्य कार्रवाई को तेज करने का एलान किया। दूसरी ओर, सीरियाई विपक्षी कार्यकर्ताओं ने तीन सप्ताह में पहली बार अलेप्पो शहर में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में हवाई हमले होने की जानकारी दी।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फोन पर सीरिया के बारे में बातचीत करने के बाद यह सैन्य कार्रवाई शुरू हुई है। दोनों नेताओं ने सीरिया में चरमपंथी ताकतों के खिलाफ मिलकर प्रयास करने पर सहमति जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का प्रशासन अलेप्पो में संघर्ष विराम के लिए महीनों से बातचीत कर रहा है।