पनामा सिटी:पनामा की एक लॉ फर्म से लीक हुए करोड़ों के दस्तावेजों ने दुनियाभर की तमाम बड़ी हस्तियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पनामा के सरकारी अभियोजक के कार्यालय का कहना है कि वह फर्म से जुड़े व्यापक डाटा के लीक होने के बाद हुए खुलासों की जांच शुरू करेगा। बीते सोमवार कार्यालय ने एक बयान में कहा कि, पनामा पेपर्स के जो तथ्य उजागर किए गए हैं, उनकी आपराधिक जांच की जाएगी। बयान में यह भी कहा गया कि यह जांच इस बात का पता लगाने की जाएगी कि कौन से अपराध हुए हैं और इन्हें अंजाम किसने दिया है। साथ ही संभावित आर्थिक नुकसानों की पहचान करना भी इस जांच का लक्ष्य है। इस मामले में संलिप्त विधि फर्म मोसैक फोंसेका का कहना है कि 1.15 करोड़ दस्तावेज लीक होने की वजह सीमित हैकिंग है। कंपनी ने कहा कि वह मानती है कि ऐसा करने में किसी बाहरी पक्ष का हाथ है।
कंपनी के संस्थापकों में से एक रेमन फोंसेका ने एएफपी को बताया कि यह लीक पनामा पर हमला है, जो अपने आर्थिक सेवा क्षेत्र पर निर्भर करता है। पनामा के राष्ट्रपति जुआन कार्लोस वरेला ने कहा कि इस घोटाले में जो भी सरकार, जो भी जांच करती है, वह उसमें सहयोग करेंगे लेकिन उन्होंने अपने देश की छवि की रक्षा करने का भी संकल्प जताया। पनामा धनशोधन और अन्य गैर कानूनी लेन देन के केंद्र के रूप में बनी हुई अपनी छवि को नष्ट करने की दिशा में कोशिश कर रहा था और इस दिशा में प्रगति भी कर रहा था। विदेशी ईकाइयां अपने आप में गैर कानूनी नहीं हैं लेकिन इनका इस्तेमाल धनशोधन या दूसरे देशों के कर अधिकारियों से संपत्ति को छिपाने में किया जा सकता है।
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