Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अन्य देश
  4. दुनियाभर में ‘‘लापता हुई महिलाओं’’ में से चार करोड़ 58 लाख महिलाएं भारत की हैं: UN रिपोर्ट

दुनियाभर में ‘‘लापता हुई महिलाओं’’ में से चार करोड़ 58 लाख महिलाएं भारत की हैं: UN रिपोर्ट

दुनिया भर में पिछले 50 साल में ‘‘लापता हुईं’’ 14 करोड़ 26 लाख महिलाओं में से चार करोड़ 58 लाख महिलाएं भारत की हैं। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि ‘‘लापता महिलाओं’’ की संख्या चीन और भारत में सर्वाधिक है।

Written by: Bhasha
Published on: June 30, 2020 14:53 IST
दुनियाभर में ‘‘लापता हुई महिलाओं’’ में से चार करोड़ 58 लाख महिलाएं भारत की हैं: UN रिपोर्ट- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY दुनियाभर में ‘‘लापता हुई महिलाओं’’ में से चार करोड़ 58 लाख महिलाएं भारत की हैं: UN रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र: दुनिया भर में पिछले 50 साल में ‘‘लापता हुईं’’ 14 करोड़ 26 लाख महिलाओं में से चार करोड़ 58 लाख महिलाएं भारत की हैं। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि ‘‘लापता महिलाओं’’ की संख्या चीन और भारत में सर्वाधिक है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) द्वारा मंगलवार को जारी ‘वैश्विक आबादी की स्थिति 2020’ रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 50 वर्षों में लापता हुई महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई है। यह संख्या 1970 में छह करोड़ 10 लाख थी और 2020 में बढ़कर 14 करोड़ 26 लाख हो गई है। 

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 2020 तक चार करोड़ 58 लाख और चीन में सात करोड़ 23 लाख महिलाएं लापता हुई हैं। रिपोर्ट में प्रसव के पूर्व या प्रसव के बाद लिंग निर्धारण के संचयी प्रभाव के कारण लापता लड़कियों को भी इसमें शामिल किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘2013 से 2017 के बीच भारत में करीब चार लाख 60 हजार बच्चियां हर साल जन्म के समय ही ‘‘लापता’’ हो गईं। 

एक विश्लेषण के अनुसार कुल लापता लड़कियों में से करीब दो तिहाई मामले और जन्म के समय होने वाली मौत के एक तिहाई मामले लैंगिक आधार पर भेदभाव के कारण लिंग निर्धारण से जुडे हैं।’’ रिपोर्ट में विशेषज्ञों की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि लैंगिक आधार पर भेदभाव की वजह से (जन्म से पूर्व) लिंग चयन के कारण दुनियाभर में हर साल लापता होने वाली अनुमानित 12 लाख से 15 लाख बच्चियों में से 90 से 95 प्रतिशत चीन और भारत की होती हैं। 

इसमें कहा गया है कि प्रतिवर्ष जन्म की संख्या के मामले में भी ये दोनों देश सबसे आगे है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारों ने लिंग चयन के मूल कारण से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। भारत और वियतनाम ने लोगों की सोच को बदलने के लिए मुहिम शुरू की हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों के बजाय लड़कों को प्राथमिकता देने के कारण कुछ देशों में महिलाओं और पुरुषों के अनुपात में बड़ा बदलाव आया है और इस जनसांख्यिकीय असंतुलन का विवाह प्रणालियों पर निश्चित ही असर पड़ेगा। 

उसने कहा कि कुछ अध्ययनों में यह सुझाव दिया गया है कि भारत में संभावित दुल्हनों की तुलना में संभावित दूल्हों की संख्या बढ़ने संबंधी स्थिति 2055 में सबसे खराब होगी। भारत में 50 की उम्र तक एकल रहने वाले पुरुषों के अनुपात में 2050 के बाद 10 फीसदी तक वृद्धि का अनुमान जताया गया है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement