Friday, November 22, 2024
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स्वेज नहर में पांचवें दिन भी फंसा हुआ है विशालकाय जहाज, हर घंटे हो रहा है 2800 करोड़ का नुकसान

मिस्र की स्वेज नहर में पांचवें दिन भी विशालकाय जहाज फंसा हुआ है। अधिकारियों ने जहाज को निकालने तथा जलमार्ग को जाम से मुक्त करने की फिर से कोशिश की, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी।

Reported by: Bhasha
Published on: March 28, 2021 8:57 IST
स्वेज नहर में पांचवें...- India TV Hindi
Image Source : PTI स्वेज नहर में पांचवें दिन भी फंसा हुआ है विशालकाय जहाज, हर घंटे हो रहा है 2800 करोड़ का नुकसान

स्वेज (मिस्र): मिस्र की स्वेज नहर में पांचवें दिन भी विशालकाय जहाज फंसा हुआ है। अधिकारियों ने जहाज को निकालने तथा जलमार्ग को जाम से मुक्त करने की फिर से कोशिश की, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी। इस जहाज के फंसने से वैश्विक परिवहन तथा व्यापार के लिए अहम स्वेज नहर में यातायात बाधित हो गया है। इस बीच, स्वेज नहर प्राधिकरण के प्रमुख ने कहा कि जहाज ‘एवर गिवन’ के मंगलवार को नहर में फंसने की ‘‘एकमात्र वजह तेज हवा नहीं है।’’

लेफ्टिनेंट जनरल ओसामा राबेई ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि जांच चल रही है लेकिन उन्होंने मानवीय या तकनीकी खामी की आशंका से इनकार नहीं किया। एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला जहाज मंगलवार को इस नहर में फंस गया था। राबेई ने कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि जहाज को कब तक निकाल लिया जाएगा। एक पुर्तगाली कंपनी समुद्र में ऊंची उठने वाली लहरों और नौकाओं की मदद से जहाज को निकालने की कोशिश कर रही है।

राबेई ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नहर के तल पर जमे कीचड़ को साफ करने से जहाज को बिना उसका माल हटाए निकाला जा सकेगा, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि ‘‘हम मुश्किल स्थिति में है, यह बुरी घटना है’’। यह पूछे जाने पर कि कब तक जहाज को निकाला जा सकेगा, उन्होंने कहा, ‘‘मैं बता नहीं सकता क्योंकि मुझे नहीं पता।’’ जहाज के मालिकाना हक वाली कंपनी शोइ किसेन ने कहा कि अगर जहाज को बाहर निकालने के प्रयास विफल हो जाते हैं तो वह उसके कंटेनरों को हटाने पर विचार करेगी।

हर घंटे लग रही है 40 करोड़ डॉलर की चपत

जहाज के नहर में फंसने के चलते हर घंटे करीब 40 करोड़ डॉलर (लगभग 2800 करोड़ रुपये) की चपत लग रही है। बता दें कि दुनिया में जितना व्यापार होता है, उसका 12 प्रतिशत इसी नहर के जरिए किया जाता है। 1869 में बनी यह नहर 193 किलोमीटर लंबी है और कुछ जगहों पर सिर्फ 205 मीटर तक चौड़ी है। ऐसे में इस विशालकाय शिप के फंसने के बाद बाकी जहाजों का आवागमन लगभग नामुमकिन हो गया है। बुधवार को लगभग 185 कंटेनर शिप नहर के रास्ते से निकलने के लिए इंतजार कर रहे हैं और ऐसे में इस इलाके में एक तरह से जहाजों का ट्रैफिक जाम हो गया है।

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