यरूशलम: इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस्राइली अवैध बस्तियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान से अमेरिका से दूर रहने के दो दिन बाद अमेरिकी राजदूत डेनियल शापिरो को तलब किया है।
इससे पहले इस्राइल ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करने वाले 14 में से 10 प्रतिनिधियों को तलब किया था। एक आधिकारिक इस्राइली सूत्र ने केवल इस बात की पुष्टि की कि नेतन्याहू एवं शापिरो ने मुलाकात की। उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि उनके बीच क्या बातचीत हुई या उसका परिणाम क्या निकला।
अमेरिका के मतदान से दूर रहने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया था। यह इस्राइल की अवैध बस्ती नीति की निंदा करने के लिए वर्ष 1979 के बाद से पहली बार पारित किया गया प्रस्ताव है।
प्रस्ताव में मांग की गई है कि इस्राइल पूर्वी यरूशलम समेत फलस्तीनी क्षेत्र में अवैध बस्तियों संबंधी सभी गतिविधियों को तत्काल एवं पूरी तरह रोके।
नेतन्याहू ने प्रस्ताव को इस्राइल को शर्मनाक झटका बताते हुए इसकी निंदा की है। नेतन्याहू के पास विदेश मंत्रालय का कार्यभार भी है।
उन्होंने इस्राइल का यह दावा कल दोहराया कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा एवं विदेश मंत्री जॉन केरी इसके पीछे हैं।
उन्होंने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में कहा, हमें इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि ओबामा प्रशासन ने इसे शुरू किया, वह इसके पीछे खड़ा था, उसने मसौदों को समन्वित किया और इसे पारित करने की मांग की।
हारेत्ज समाचार पत्र की वेबसाइट ने कहा कि इस्राइल का अमेरिकी राजदूत को तलब करना अत्यंत असाधारण कदम समझा गया।