नई दिल्ली: यमन में फंसे 350 भारतीयों को आज भारतीय नौसेना नें सुरक्षित निकाल लिया है। बचाए गए भारतीयों को नौसेना का जहाज आईएनएस सुमित्रा यमन के पड़ोसी देश जिबूती लेकर जाएगी। यमन में बढ़ती हिंसा के बीच अंधेरी रात में इस अभियान को अंजाम दिया गया।
रक्षा सूत्रों ने बताया, ‘आईएनएस सुमित्रा जिसपर करीब 350 भारतीय सवार है निकल चुका है।’ इससे पहले भारत को आज रात अदन से करीब 400 भारतीयों को निकालने के लिए पोर्ट पर अपना जहाज खड़ा करने की मंजूरी मिल गयी थी। सरकार ने संघर्ष प्रभावित यमन में फंसे 4000 से अधिक भारतीयों को निकालने के लिए बड़ा हवाई और समुद्री अभियान छेड़ा है।
दो यात्री जहाजों के अलावा दो युद्धपोतों को सेवा में लगाया गया वहीं भारतीय वायु सेना ने दो सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखा है। एयर इंडिया ने यमन की राजधानी सना से भारतीयों को जिबूती पहुंचाने के लिए मस्कट में 180 सीट वाले दो एयरबस ए320 विमानों को तैयार रखा है। संबंधित अधिकारियों की मंजूरी मिलते ही इस दिशा में कदम उठाया जाएगा।
रक्षा सूत्रों के अनुसार आईएनएस सुमित्रा के अलावा भारतीय नौसेना के दो विध्वंसक पोत आईएनएस मुंबई और रडार की पहुंच से बाहर रहने वाला आईएनएस तर्कश शनिवार तक यमन पहुंचेंगे। कवारती और कोरल नाम के दो व्यापारी जहाज भी रवाना किए गए हैं। चारों जहाज दो अप्रैल को अरब सागर में मिलेंगे और एक साथ जिबूती की तरफ बढ़ेंगे।
एयर इंडिया ने कल 180 सीटों वाले दो विमान रवाना किए थे जो अधिकारियों की मंजूरी के इंतजार में ओमान की राजधानी मस्कट में फंसे हुए हैं। विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह भारतीयों को संघर्ष प्रभावित यमन से निकालने के ‘ऑपरेशन राहत’ पर नजर रखने के लिए यमन के पड़ोसी देश जिबूती के लिए रवाना हो गये।
भारत ने उक्त अभियान के तहत अपने कुल पांच जहाजों और चार विमानों को तैनात किया है। सउदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन बलों ने आज यमन में छठे दिन शिया विद्रोहियों पर हवाई हमले कर उनकी मिसाइलों और हथियारों के भंडार नष्ट कर दिए। बलों ने पहली बार विद्रोहियों के कब्जे वाले हवाई अड्डे और अदन के पूर्वी बाहरी इलाके में बमबारी के लिए युद्धपोतों का इस्तेमाल किया।