संयुक्त राष्ट्र: म्यांमार ने आज संयुक्त राष्ट्र में जोर देकर कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आलोचना के बाद हिंसाग्रस्त रखाइन क्षेत्र के संकट में कमी आ गयी थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा को नेता आंग सान सुक़ी के स्थान पर म्यांमार के दूसरे उपराष्ट्रपति हेनरी वान थियो ने संबोधित किया। इससे एक दिन पहले उन्होंने अपने भाषण में धीरज रखने का आवान किया था। (भारत के खिलाफ पाकिस्तान तैयार कर रहा है परमाणु हथियार)
हालांकि इस बात की कम संभावना है कि सुक़ी की तुलना में वान थाओ की टिप्पणी वैश्विक चिंताओं को शांत कर सकें, क्योंकि उन्होंने रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सदस्यों की उड़ान के कारणों पर सवाल उठाया था। वान थियो ने अपने संबोधन में कहा, मुझे आपको सूचित करने में खुशी हो रही है कि स्थिति में सुधार हुआ है और पांच सितंबर के बाद यहां कोई संघर्ष नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, हम उन रिपोर्टों को लेकर चिंतित हैं, जिसमें कहा गया है कि बहुत से मुसलमान बांग्लादेश में लगातार जा रहे हैं। हमें उनके पलायन की वजह का पता लगाना होगा।
हालांकि संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 4,20,000 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान सैन्य अभियान से अपने बचाव के लिये बांग्लादेश भाग गये हैं। सेना कथित तौर पर अभियान के दौरान गांवों को जला देती है और महिलाओं के साथ बलात्कार करती है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रॉन ने कल सेना के इस अभियान को नरसंहार बताया था।