नई दिल्ली: 26/11 का मुंबई हमला हो, 9/11 का अमेरिकी हमला या फिर 13/11 का पेरिस हमला...ये कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो आतंक की कहानी दुनिया से कहती है। अलकायदा, लश्कर, तालिबान, बोकोहरम और आईएसआईएस ऐसे संगठन हैं जिन्होंने दुनियाभर के तमाम मुल्कों में आतंक का खौफ पैदा कर दिया है। आईएसआईएस के यूरोप में दस्तक देने के बाद अब तमाम बड़े मुल्कों की भी आतंक के कारण नींद उड़ी हुई है।
जानकारी के मुताबिक सिर्फ इसी साल सीरिया से नाईजीरिया तक करीब 1,80,000 लोग मौत के घाट उतारे जा चुके हैं। अगर फोर्ब्स पत्रिका द्वारा जारी आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले पांच सालों पहले तक यह आंकड़ा सिर्फ 49,000 था। यानी संख्या के लिहाज से इसमें अच्छा खासा इजाफा हुआ है।
इस तरह के आंकड़ों को जुटाने वाली संस्था इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस का भी मानन है कि दुनिया में हिंसा बढ़ रही है। मिडल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका में इस साल सबसे ज्यादा मौते हुईं हैं। गृह युद्ध का सामना कर रहे सीरिया की आधी आबादी विस्थापन की शिकार हो चुकी है। साल 2015 में यह देश हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। वहीं हिंसा के मामले में सीरिया के बाद इराक, अफगानिस्तान, साउथ सूडान का नंबर आता है।
लेकिन इन सबों के बीच दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जहां आतंक न के बराबर है। यानी ये देश दुनिया में सबसे अमन-चैन वाले देश हैं। जानिए किन देशों में आतंक का साया न के बराबर है। चेक रिपब्लिक भी ऐसे ही देशों में से एक है।
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