टोरंटो: बच्चों में कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण अक्सर नजर नहीं आते हैं और वे बीमारी का पता चले बिना ठीक भी हो जाते हैं। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए एक तिहाई से अधिक बच्चों में इस महामारी के लक्षण नहीं दिखाई ही नहीं दिए। माना जा रहा है कि संक्रमण के तेजी से फैलने की एक वजह यह भी हो सकती है, क्योंकि संक्रमितों को यह महसूस ही नहीं होता। अध्ययन के मुताबिक, कोविड-19 से संक्रमित एक तिहाई से अधिक बच्चे एसिंप्टोमेटिक (लक्षणविहीन) हैं। इसके अनुसार इस महामारी से संक्रमित बच्चों में खांसी, जुकाम और गले में खराश सबसे आम लक्षण थे।
‘जन स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता की एक बात यह है कि…’
CMJ जर्नल में प्रकाशित शोध में कनाडा के अल्बर्टा में 2,463 बच्चों के लिए निष्कर्षों का विश्लेषण किया गया। इन बच्चों की महामारी की पहली लहर मार्च से सितम्बर के दौरान कोविड-19 संक्रमण के लिए जांच की गई थी। कनाडा में अल्बर्टा फैकल्टी ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री यूनिवर्सिटी के सह-लेखक फिनले मैकएलिस्टर ने कहा, ‘जन स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता की एक बात यह है कि समुदाय में संभवत: कोविड-19 इसलिए फैल रहा है क्योंकि लोगों को यह महसूस ही नहीं हो रहा है।’
‘खांसी, जुकाम और गले में खराश 3 सबसे आम लक्षण’
स्टडी के मुताबिक, 2463 बच्चों में से 1987 बच्चों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 476 बच्चों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। जो संक्रमित पाए गए उनमें से 714 बच्चे, लगभग 36 प्रतिशत एसिंप्टोमेटिक थे। मैकएलिस्टर ने कहा कि एक तिहाई बच्चों में बीमारी के लक्षण नहीं होने के कारण क्रिसमस पर लंबी अवधि के लिए स्कूलों को बंद करना सही फैसला था। रिसर्चर्स ने यह भी पाया कि खांसी, जुकाम और गले में खराश 3 सबसे आम लक्षण थे जिनमें कोविड-19 संक्रमण था। हालांकि उन्होंने कहा कि ये लक्षण मामूली रूप से उनमें भी थे जो इस महामारी से संक्रमित नहीं पाए गए थे।