इस्ला: अमेरिका में आने वाले अवैध शरणार्थियों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कड़ी चेतावनी जारी कर चुके हैं। इसके बावजूद सैकड़ों मध्य अमेरिकी शरणार्थी दक्षिणी मेक्सिको और अमेरिका की सीमा की ओर पैदल ही बढ़ रहे हैं। 4,000 लोगों का यह विशाल काफिला परिवहन का कोई साधन नहीं होने के कारण बिखर गया है। वेराक्रूज के गवर्नर मिगुएल एंजल यून्स ने शुक्रवार को शरणार्थियों को बसों से मैक्सिको की राजधानी ले जाने की पेशकश दी थी लेकिन उन्होंने इसे पूरा नहीं किया। इसके बाद शरणार्थी पैदल ही चल पड़े। उनके पैर में छाले पड़ गए, पैर सूज गए और वे थक कर चूर हो चुके हैं।
‘मौत के रास्ते’ पर सफर कर रहे शरणार्थी
सड़कों पर पैदल चलने के बाद काफिले के आयोजकों ने बसें मुहैया कराने की अपील की थी। शनिवार को यह समूह वेराक्रूज में कई शहरों में बंट गया जिससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या वे एक साथ रहेंगे। हजारों लोगों ने अमेरिका की दक्षिणी सीमा से करीब 1,126 किलोमीटर दूर इस्ला में रात बिताने की योजना बनाई जबकि अन्य लोग जुआन रोड्रिगेज क्लारा में रुके और कुछ टिएरा ब्लांका पहुंचे। एक बयान में शरणार्थी वेराक्रूज के जरिए उत्तर की ओर जाने के निर्देश देने के लिए मेक्सिको के अधिकारियों पर जमकर बरसे। उन्होंने इस मार्ग को ‘मौत का रास्ता’ बताया।
ट्रंप ने दिए हैं सख्त निर्देश
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर तैनात किए जाने वाले सैनिकों की संख्या बढ़कर 15,000 तक पहुंच सकती है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि सीमा पर 10 से 15,000 तक सैनिकों को तैनात किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि यह काफिला अगर सैनिकों पर पथराव करता है तो सेना उन पर गोलियां चला सकती है। अवैध शरणार्थियों के लिए पकड़ो और रिहा करो की नीति में अहम बदलाव की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी अदालत द्वारा उनकी शरण की अर्जी पर फैसला सुनाने के बाद ही उन्हें रिहा किया जाएगा। अगर फैसला उनके पक्ष में नहीं आता तो उन्हें उनके मूल देश भेज दिया जाएगा।