रोसेउ: 14 हज़ार करोड़ के घोटाले में सबसे बड़े आरोपी भगोड़े मेहुल चोकसी पर डोमिनिका की हाईकोर्ट ऑफ जस्टिस में सुनवाई पूरी हो गई है। मेहुल को भारत लाया जाएगा या वापस एंटीगुआ भेजा जाएगा इस सवाल पर कोर्ट ने फैसला कल तक के लिए टाल दिया है। बीते दिनों एंटीगुआ से फरार होकर डोमिनिका पहुंचे मेहुल चोकसी को लेकर वहां की स्थानीय अदालत अपना फैसला कल सुनाएगी। कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई की गई। जूम ऐप के जरिए मेहुल भी सुनवाई में शामिल हुआ। इस सुनवाई में ईडी और सीबीआई की टीम भी मौजूद रही।
डॉमिनिका के सरकारी वकील यानी वहां की सरकार ने कहा है कि चोकसी की अपील को ख़ारिज किया जाए। मेहुल चोकसी को चोट लगी है, उसका वहां की पुलिस से कोई लेना देना नहीं है और चोकसी ने जो अपने अपहरण की बात की है वो निराधार है। डॉमिनिका की सरकार ने कहा है कि मेहुल चोकसी ने ग़ैर क़ानूनी रूप से डॉमिनिका में एंट्री की और ये अपराध है, मेहुल चोकसी को भारत भेज देना चाहिए।
डोमिनिका के कोर्ट देश में अवैध रूप से घुसे चोकसी पर यह फैसला सुनाएगी कि क्या उसे भारत के हवाले किया जाए या फिर वापस ऐंटीगा भेज दिया जाए। इस सबके बीच देश की सरकार ने कोर्ट में अपना रुख साफ किया है और भारत का साथ दिया है।
गौरतलब है कि डोमिनिका की विपक्षी पार्टी के नेता लेनक्स लिंटन पर आरोप है कि उन्हें चोकसी के भाई चेतन ने रिश्वत दी है। उनके ऊपर देश की संसद में मुद्दे को दबाने में मदद करने का आरोप है। वहीं, चोकसी के वकीलों का कहना है कि यहां मामला गलत तरीके से चोकसी को 'अगवा' करने का है, न कि प्रत्यर्पण का। उनका यह भी दावा है कि चोकसी भारत का नागरिक नहीं है, इसलिए भारत इस केस में पार्टी नहीं है। चोकसी पर डोमिनिका में अवैध तरीके से दाखिल होने का भी आरोप है।
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