हरारे: जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को हरारे में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। सेना द्वारा इस देश पर शांतिपूर्ण कब्जे के बाद भारी संख्या में लोगों की भीड़ मुगाबे को हटाने की मांग को लेकर शहर के मध्य सड़कों पर उतर आई। सेना द्वारा मुगाबे को सत्ता से हटाने के प्रयास के समर्थन में आयोजित प्रदर्शन ने उत्सव का रूप ले लिया। एक प्रदर्शनकारी फ्रेड मुबे ने कहा, "यह क्रिसमस जैसा माहौल है।" प्रदर्शनकारी ने कहा कि जिम्बाब्वे लंबे समय से पीड़ा सह रहा है और अब जाकर यहां के लोग खुश हैं। (भारत की मानुषी छिल्लर बनीं मिस वर्ल्ड, 17 साल बाद किसी भारतीय सुंदरी के सिर सजा यह ताज )
कई लोगों ने अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज पकड़ रखा था। इनमें से एक शख्स के पास एक पोस्टर था, जिसमें मुगाबे (93) के लिए एक संदेश लिखा था, "अब जिम्बाब्वे छोड़ दो". जबकि एक चौराहे पर एक विक्रेता अखबार पकड़े था, जिस पर लिखा हुआ था "मुगाबे किनारे लग गए।" 'बीबीसी' के मुताबिक, 'एकजुटता मार्च' के रूप में इस रैली को सेना का समर्थन प्राप्त है, जिसने मुगाबे (93) के उत्तराधिकारी को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच बुधवार को शक्ति प्रदर्शन किया था। सेना ने बुधवार को देश पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था, लेकिन मुगाबे ने पद छोड़ने से मना कर दिया था।
सत्तारूढ़ जानू-पीएफ पार्टी की क्षेत्रीय शाखाओं के साथ ही पूर्व सैनिक भी मुगाबे को 48 घंटे के अंदर पद छोड़ देने के लिए कह रहे हैं। ये पूर्व सैनिक अभी तक राष्ट्रपति के प्रति वफादार थे। रैली में आए एक व्यक्ति ने कहा, "जिंबावबे के नागरिक के तौर पर, हम अपनी सेना को कह रहे हैं, 'शांतिपूर्ण हस्तक्षेप के लिए बहुत धन्यवाद।"' वहीं, शुक्रवार देर अपराह्न् तक देश में जानू-पीएफ पार्टी की सभी 10 प्रांतीय शाखाओं ने राष्ट्रपति के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव पारित किया है। इससे रविवार तक मुगाबे के पार्टी अध्यक्ष पद से हटने की संभावना बढ़ गई है। जिंबाब्वे के 1980 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से ही मुगाबे इस देश की अगुवाई कर रहे हैं।