कोपेनहेगन: कहा जाता है कि ज्यादा मेहनत करने वालों को ज्यादा मीठा फल मिलता है और वैसे भी कुछ पाने के लिए हमें कड़ी और जीतोड़ मेहनत करनी होती है। सरकारी महकमा हो या फिर प्राइवेट हर तरह के कर्मचारियों से उम्मीद की जाती है कि वो अपना 100 फीसदी देते हुए संस्थान से लिए खूब मेहनत करें। हां कुछ ऐसे लोग हर जगह होते हैं जो काम से जी चुराते हैं, मगर तरक्की और नई राह के सपने आंखों में रखने वाले कर्मचारी बिना रुके कड़ी मेहनत करते रहते हैं। ऐसे में अगर कोई आपसे यह कहे कि एक देश ऐसा भी है जहां एक व्यक्ति को सिर्फ इसलिए देश से निकाल दिया गया क्योंकि उसने ज्यादा मेहनत की थी तो आपको यकीनन हैरानी होगी, लेकिन यह बात सोलह आने सच है।
मेहनत करना अच्छी बात होती है लेकिन कैमरुन से डेनमार्क आए एक छात्र को यह गणित थोड़ी उल्टी पड़ गई। 30 साल के इंजीनियरिंग छात्र मारियस यौबी को सरकारी आदेश के मुताबिक अपने घर वापस लौटना पड़ा। उनके साथ ऐसा सलूक इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने पार्ट-टाइम काम करने के उचित दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन नहीं किया। उन्होंने वहां पर निर्धारित घंटों से ज्यादा काम कर लिया इसलिए उन्हें अपने देश वापस लौटना पड़ा।
गौरतलब है कि यूरोपीय देशों में डेनमार्क एक ऐसा देश है जहां की प्रवासी नीतियां काफी सख्त हैं। इस देश ने इन नियमों में हाल ही में कुछ ज्यादा ही कड़ाई दिखाई है ताकि विदेशी लोग यहां आकर हमेशा के लिए न बस जाएं।