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इस्लामी नेताओं की अपील, यरूशलम को मिले फलस्तीन की राजधानी के तौर पर मान्यता

इस्लामी नेताओं ने आज विश्व समुदाय से अपील की कि वह पूर्वी यरूशलम को फलस्तीन की राजधानी के तौर पर मान्यता दें। फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने चेताया कि अमेरिका को अब शांति प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभानी है।

Edited by: India TV News Desk
Published on: December 14, 2017 7:18 IST
Islamic leaders appeal recognizes jerusalem as the capital...- India TV Hindi
Islamic leaders appeal recognizes jerusalem as the capital of Palestine

इस्तांबुल: इस्लामी नेताओं ने आज विश्व समुदाय से अपील की कि वह पूर्वी यरूशलम को फलस्तीन की राजधानी के तौर पर मान्यता दें। फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने चेताया कि अमेरिका को अब शांति प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभानी है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब एर्दोआन ने इस्लामी देशों की प्रमुख संस्था इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) का एक आपात सम्मेलन बुलाया और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यरूशलम को इस्राइल की राजधानी घोषित करने के फैसले पर मुस्लिम देशों की ओर से समन्वित प्रतिक्रिया जाहिर करने की अपील की। इस्लामी दुनिया में खुद ही मतभेद होने के कारण सम्मेलन में इस्राइल और अमेरिका के खिलाफ ठोस प्रतिबंध लगाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई। लेकिन उनके अंतिम बयान में ‘‘पूर्वी यरूशलम को फलस्तीन राष्ट्र की राजधानी’’ घोषित किया गया और ‘‘सभी देशों को आमंत्रित किया गया कि वे फलस्तीन राष्ट्र और पूर्वी यरूशलम को इसकी राजधानी के तौर पर मान्यता दें। (पाक उच्चतम न्यायालय का आदेश, सीमेंट फैक्ट्री एक हफ्ते में भरे कटासराज मंदिर का सरोवर )

उन्होंने ट्रंप के फैसले को ‘‘कानूनी तौर पर अमान्य’’ और ‘‘शांति के सभी प्रयासों को जानबूझकर कमजोर’’ करना करार दिया, जिससे ‘‘चरमपंथ एवं आतंकवाद’’ को बल मिलेगा। यरूशलम की स्थिति संभवत: इस्राइली-फलस्तीनी संघर्ष में सबसे संवेदनशील मुद्दा है। इस्राइल समूचे यरूशलम शहर को अविभाजित राजधानी के तौर पर देखता है जबकि फलस्तीनी पूर्वी क्षेत्र चाहते हैं, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस्राइल की ओर से कब्जाया गया मानते हैं। एर्दोआन ने इस्राइल को ‘‘कब्जे’’ और ‘‘आतंक’’ से परिभाषित होने वाला देश करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले से इस्राइल को उसकी ओर से अंजाम दी गई सभी आतंकवादी गतिविधियों के लिए पुरस्कृत किया गया।’’

एर्दोआन ने कहा, ‘‘मैं अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने वाले देशों को आमंत्रित करता हूं कि वे कब्जे में लिए गए यरूशलम को फलस्तीन की राजधानी के तौर पर मान्यता दें।’’ वहीं अब्बास ने सख्त रवैया अपनाते हुए चेताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कदम के परिणामस्वरूप अमेरिका अब इस्राइल और फलस्तीन के बीच शांति प्रक्रिया में मध्यस्थ की अपनी भूमिका खो चुका है। उन्होंने कहा कि इस्लामी देश इस मांग को ‘‘कभी नहीं छोड़ेंगे।’’ अब्बास ने चेतावनी दी कि जब तक यरूशलम को फलस्तीनी राज्य की राजधानी घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक पश्चिम एशिया में ‘‘कोई शांति या स्थिरता’’ नहीं हो सकती। उन्होंने सम्मेलन में कहा, ‘‘यरूशलम फलस्तीनी देश की राजधानी है और हमेशा रहेगी....इसके बगैर शांति और स्थिरता नहीं होगी।’’ शांति प्रक्रिया में अमेरिका के लिए कोई भूमिका नहीं फलस्तीनी राष्ट्रपति फलस्तीनी राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिम एशिया में शांति प्रक्रिया में उनके लोग ‘‘अब से’’ अमेरिका की किसी भूमिका को स्वीकार नहीं करेंगे।

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