बेरुत: सीरिया के पलमायरा शहर में रातभर चली लड़ाई के बाद इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को खदेड़ दिया गया है लेकिन सरकारी सेना बर्बाद हो चुके इस प्राचीन शहर में प्रवेश करने से पहले थोड़ा रकीं क्योंकि उन्हें वहां भूमिगत सुरंगें होने की आशंका थी। रूस के समर्थन वाली सीरियाई सेना जिहादियों के साथ भीषण संघर्ष के बाद बुधवार को इस शहर के पश्चिम में स्थित इलाके में घुस गयीं।
मानवाधिकारों की निगरानी करने वाली संस्था सीरियन आब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमैन राइट्स ने कहा कि आईएस आज शहर के पूर्वी आवासीय इलाके से पीछे हट गया।
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संस्था के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने एएफपी से कहा, आईएस पलमायरा में बारदी सुरंग बिछाने के बाद शहर के ज्यादातर हिस्सों से पीछे हट गया है। पूर्वी क्षेत्र में अब भी आत्मघाती हमलावर हैं। सरकारी सेना अब भी शहर में घुस नहीं पायी है। यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल पलमायरा के कई प्राचीन स्थलों को आतंकवादियों ने ध्वस्त कर दिया है। आईएस ने मई 2015 में इस शहर पर कब्जा किया था और शहर के कई प्राचीन मंदिरों, खंडहरों और कब्रों को ध्वस्त कर दिया था। गत वर्ष रूस के सहयोग से सीरियाई सेना ने शहर को फिर अपने नियंत्रण में ले लिया था।
उपग्रह से भेजी गयी तस्वीरों से पता चला कि दिसंबर में पलमायरा पर फिर से कब्जा जमाने के बाद से लेकर अब तक आईएस ने ज्यादातर धरोहरों को ध्वस्त कर दिया है। रहमान ने कहा, पुराने शहर के ज्यादातर हिस्सों में आईएस का कोई आतंकवादी नहीं है लेकिन यहां पर बड़ी संख्या में बारदी सुरंग बिछा रखी हैं। सीरिया के हवाई हमलों और जमीनी सेना की मदद से सरकारी सेना पलमायरा तक पहुंचने के लिए पिछले कई हफ्तों से संघर्ष कर रही है। दमिश्क में सेना के एक वरिष्ठ सूत्र ने बुधवार को एएफपी को बताया कि सेना पलमायरा तक जाने वाले चौराहे तक पहुंच गयी है। शहर में प्रवेश करने का यह मुख्य रास्ता है।