लंदन: अपनी निर्ममता के लिए कुख्यात इस्लामिक स्टेट ने उन 250 लड़कियों को कथित तौर पर मौत के घाट उतार दिया है जिन्होंने यौन दासी बनने से इंकार कर दिया था। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। लड़कियों को फरमान सुनाया गया था कि वे आतंकवादियों से अस्थायी शादी का प्रस्ताव स्वीकार कर लें। इराक के मोसुल शहर में यौन दासी बनने से इंकार करने पर इन लड़कियों की हत्या की गई और कई मामलों में तो इनके परिजनों की भी हत्या कर दी गई।
कुर्दिश डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता सैद मामुजिनी ने कहा कि आईएसआईएस ने मोसुल पर कब्जा करने के बाद लड़कियों का चयन करना और उनको आतंवादियों से शादी करने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया। जिन महिलाओं ने इंकार किया उनको मौत के घाट उतारा गया। मामुजिनी ने लंदन आधारित कुर्द समाचार एजेंसी अहलुलबयात से कहा, शादी से इंकार करने पर अब तक कम से कम 250 लड़कियों को मारा जा चुका है और कई बार तो उनके परिवार वालों को भी मारा गया।
ओबामा ने आईएस के खिलाफ मदद मांगी
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संबंधों के तनाव के बावजूद गुरुवार को सउदी अरब में खाड़ी देशों के नेताओं से मुलाकात कर इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ अभियान तेज करने पर जोर दिया। राष्ट्रपति के तौर पर ओबामा के कार्यकाल में सिर्फ नौ माह बचे हैं और ऐसे में यह शायद राष्ट्रपति के तौर पर उनका आखिरी खाड़ी दौरा होगा।
ओबामा ने खाड़ी के छह देशों के नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन में ली गई तस्वीर पोस्ट की। इसमें सउदी के शाह सलमान भी नजर आ रहे हैं। अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में ओबामा उन सुन्नी सहयोगियों को फिर से भरोसे में लेने की कोशिश कर रह हैं जो उनके क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी यानी शिया बहुल ईरान के साथ अमेरिका के बढ़ते संबंधों से नाराज हैं। इराक और सीरिया के व्यापक हिस्सों पर कब्जा कर चुके इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हाल के महीनों में प्रगति होने के बाद ओबामा ने सउदी की राजधानी में खाड़ी देशों की सहयोग परिषद के शिखर सम्मेलन में शिरकत की है।
सउदी अरब और अन्य खाड़ी देश अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हैं। यह गठबंधन आईएस के खिलाफ हवाई हमले करता है। इराक में लगभग 4000 अमेरिकी सैनिक इस अभियान के तहत तैनात हैं। यह अभियान आतंकियों से लड़ रहे स्थानीय बलों को प्रशिक्षण एवं मदद देता है। रियाद में राष्ट्रपति ओबामा के साथ मौजूद रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने सोमवार को यह घोषणा की कि जिहादियों के खिलाफ मिली बढ़त को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका इराक में और अधिक सैनिक और अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर भेजेगा। अमेरिका आईएस के कब्जे से मुक्त कराए गए शहरों के पुनर्निर्माण पर जोर देना चाहता है।