बेरूत/ब्रसेल्स: आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने इराक की सीमा से सटे सीरियाई प्रांतों में शुक्रवार को अपने कब्जा करने के अभियान को जारी रखते हुए एक प्रमुख गैस संयंत्र और एक सीमा चौकी को अपने कब्जे में ले लिया। निगरानी संस्था सीरिया में मानवाधिकार पर्यवेक्षक (एसओएचआर) ने यह जानकारी दी। वहीं यूनेस्को ने पल्माइरा के विनाश को मानवता के लिए सबसे बड़ी क्षति बताया है। एसओएचआर की मानें तो आईएस ने आधे सीरिया को अपने कब्जे में ले लिया है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, एसओएचआर ने कहा कि राष्ट्रपति बसर अल-असद की सेना टी-3 गैस संयंत्र से हटा ली गई जिसके बाद जेहादियों ने इस पर अपना कब्जा कर लिया। आईएस के लड़ाकों ने शुक्रवार सुबह इंटरनेट पर कई तस्वीरें प्रकाशित कीं। इन तस्वीरों में वे टी-3 गैस संयंत्र क्षेत्र के आसपास टैंक और विमानभेदी बैटरी का उपयोग करते हुए लड़ते नजर आए।
आईएस ने गुरुवार की रात सीरिया और इराक की सीमा पर स्थित सरकार के नियंत्रण वाली अंतिम सीमा चौकी अल-तांफ पर भी कब्जा कर लिया है। इराक में अल-वालिद के नाम से जानी जाने वाली यह चौकी एकमात्र ऐसी चौकी थी जो असद सरकार के अधीन रह गई थी। अल-तांफ पर कब्जा करने से एक दिन पहले आईएस ने मध्य सीरिया के प्राचीन शहर पल्माइरा को अपने अधिकार में ले लिया था।
अल-तांफ चौकी पर कब्जे से पहले आतंकवादी समूह सीरिया के पूर्वी प्रांत दायर अल-जोर स्थित बुकामल सीमा चौकी पर कब्जा कर चुका है। सीरियाई सेना पिछले महीने जॉर्डन की सीमा से लगते नासिब सीमा चौकी से भी आधिपत्य खो चुकी है। इस सीमा चौकी को अलकायदा से संबंधित नुसरा फ्रंट ने अपने कब्जे में ले लिया है।
सीरिया सरकार के अधिकार में अभी फिलहाल लेबनान के साथ स्थित दो सीमा चौकियां हैं। उत्तर और पूर्व में स्थित सभी सीमा चौकियों पर विभिन्न विद्रोही समूहों ने कब्जा कर लिया है।
गैर सरकारी संगठन की रपट के मुताबिक आईएस ने सीरिया में लगभग 95,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र पर अपना कब्जा कर लिया है। साथ ही आतंकवादी संगठन आईएस ने इस देश के नौ राज्यों, होम्स, अल-रक्का, दायर अल-जोर, अल-हसकाह, हमा, अलेप्पो, दमिश्क, दमिश्क के ग्रामीण इलाकों (रीफ दमिश्क) और सुएदा में अपनी पैठ बना ली है।
अलजजीरा की रपट के मुताबिक, मध्यपूर्व के सबसे अधिक प्रसिद्ध धरोहर स्थलों में से एक पर आईएस के लड़ाकों के कब्जे के बाद यूनेस्को ने चेताया है कि सीरिया के प्राचीन शहर पल्माइरा का विनाश मानवता के लिए बहुत बड़ी क्षति होगी।
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यून्स्को की प्रमुख इरीना बोकोवा ने पल्माइरा को मानव सभ्यता का जन्मस्थल बताया साथ ही कहा कि इसका पूरी मानवता से ताल्लुक है और वहां पर जो कुछ भी हो रहा है मुझे लगता है उस पर हर किसी को चिंतित होना चाहिए।
वहीं यूरोपीय संघ (ईयू) ने गुरुवार को कहा कि इस्लामिक स्टेट द्वारा सामूहिक हत्याओं और पल्माइरा के सीरियाई पुरातात्विक खंडहरों के विध्वंस के मामलों को रोम अधिनियम के तहत युद्ध अपराध माना जाएगा।
ईयू की वेबसाइट पर जारी एक बयान में ईयू की विदेश नीति की उच्च प्रतिनिधि फ्रेडेरिका मोघेरिनी ने गुरुवार को कहा कि सीरिया और इराक में सांस्कृतिक और पुरातात्विक विरासतों पर हो रही विध्वंसात्मक आतंकवादी गतिविधियों को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के रोम अधिनियम के तहत युद्ध अपराध माना जाएगा।
पल्माइरा और मध्य प्रांत होम्स में आईएस के हमले में लगभग 462 लोगों की जानें गई हैं। पल्माइरा संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन की विरासत धरोहारों की सूची में शामिल है।
मोघेरिनी ने कहा कि पल्माइरा में आईएस के कब्जे में सैकड़ों लोग मारे गए हैं, और हजारों लोगों पर हिंसक गतिविधियों का शिकार होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा अन्य सांस्कृतिक स्थलों पर भी विध्वंस हो सकता है।
सुन्नी कट्टरपंथी समूह ने जून 2014 में सीरिया और इराक में अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में खिलाफत का ऐलान किया था।