तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका के बिना भी तेहरान अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं के साथ परमाणु सौदे में बना रहेगा। रूहानी ने प्रेस टीवी पर अपने भाषण के सीधे प्रसारण में कहा, "इस वक्त परमाणु सौदा ईरान और पांच देशों के बीच है।" उन्होंने कहा, "मैं खुश हूं कि घुसपैठिए (अमेरिका) ने परमाणु सौदे से किनारा कर लिया है।" रूहानी ने कहा, "ईरान ने साबित किया है कि वह अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति प्रतिबद्ध है।"उन्होंने कहा कि हमारे अनुभव ने दर्शाया है कि पिछले 40 सालों में अमेरिका अपनी प्रतिबद्धताओं पर कभी खरा नहीं उतरा है। (नवाज शरीफ ने भारत में छुपा रखे हैं अरबों डॉलर, NAB ने दिए जांच के आदेश )
उन्होंने कहा कि दरअसल, जनवरी 2016 में लागू होने के बाद से अमेरिका कभी भी अपने परमाणु सौदे के दायित्वों को लेकर बाध्य नहीं रहा। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि जेसीपीओए ईरान और अमेरिका के बीच का सौदा नहीं है बल्कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा मंजूर अंतर्राष्ट्रीय समझौता है। रूहानी ने कहा कि उन्होंने ईरानी विदेश मंत्री से यूरोपीय साझेदारों के साथ साथ चीन और रूस से सौदे के भविष्य से संबंधित उपायों पर बातचीत शुरू करने को कहा है।
रूहानी ने कहा, "अब से हमें इस समझौते में बची बड़ी शक्तियों को देखना चाहिए कि वह कैसे इसका सामना करती हैं।" उन्होंने कहा कि अगर समझौता बरकरार रहता है तो हम विश्व शांति और सुरक्षा के लिए कदम उठा सकते हैं। रूहानी ने सोमवार को 2015 में हुए इस प्रसिद्ध परमाणु सौदे के तहत ईरान के हितों के संरक्षण में मदद के लिए अमेरिका को छोड़कर शामिल सभी देशों से आश्वासन की मांग की थी।