तेहरान: संयुक्त अरब अमीरत (यूएई) द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की घोषणा के बीच ईरान ने क्षेत्र से तेल की आपूर्ति को लेकर नई चेतावनी जारी की है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि अगर हमारे कच्चे तेल के निर्यात पर रोक लगाई जाती है तो इसका असर पूरे पश्चिमी एशिया की आपूर्ति पर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि ईरान के तेल कारोबार पर पाबंदी लगाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने की जरूरत पर बल दिया था। इसके जवाब में यूएई ने आज कहा कि वह अपने यहां कच्चेतेल का उत्पादन बढ़ा सकता है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और यूएई की यह टिप्पणी ऐसे समय आई जब अमेरिका का मानक कच्चा तेल 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रहा है। हाल ही में तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने भी अपने उत्पादन में 10 लाख बैरल प्रति दिन की वृद्धि करने की घोषणा की है। (25 जुलाई को होंगे पाकिस्तान में चुनाव, 849 सीटों पर उतरेंगे 11,855 उम्मीदवार )
हसन रूहानी ने स्विट्जरलैंड में ईरानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए कल ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर ईरान के कच्चे तेल के निर्यात पर रोक लगाई जाती है तो शेष पश्चिमी एशिया भी प्रभावित होगा। उन्होंने प्रतबंधों के लिए अमेरिका पर भी निशाना साधा। रूहानी की वेबसाइट ने उनके हवाले से कहा है कि प्रतिबंध लागू करके अमेरिका का मुख्य लक्ष्य ईरान की जनता पर दबाव बनाना है , लेकिन वे दावा करते हैं कि उनका मकसद ईरानी सरकार पर दबाव बनाना है। सरकारी टेलीविजन द्वारा प्रसारित अपनी टिप्पणी में उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जब वे (अमेरिका) यह कहते हैं कि ईरान को कच्चे तेल की एक भी बूंद का निर्यात करने की अनुमति नहीं दी जाएगी , तो वह यह नहीं समझते हैं कि वे क्या कह रहे हैं।
रूहानी ने आगे कहा , " ठीक है , अगर आप ऐसा कुछ करना चाहते हैं तो करें और नतीजा देंखे। " ईरानी राष्ट्रपति ने चेतावनी पर विस्तार से नहीं बताया है लेकिन अतीत में जब ईरान पर इस तरह का दबाव डाला गया था तो उसने होर्मुज जलडमरुमध्य को बंद करने की धमकी दी थी। दुनिया की तेल आपूर्ति का एक तिहाई हिस्सा यहां से होकर गुजरता है। अमेरिका ने मई में ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था और वह चाहता है कि उसके सहयोगी ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दे। अमेरिका के विदेश विभाग ने कल कहा कि फिर से प्रतिबंध लगाने के लिए वह मामले - दर - मामलों के आधार पर रियायतों की जांच करेगा। इस बीच, सरकारी तेल कंपनी अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने आज बयान जारी करके कहा कि उसकी तेल उत्पादन क्षमता प्रति दिन 33 लाख बैरल है। साथ ही वह उत्पादन को 2018 के अंत तक बढ़ाकर 35 लाख टन करने की दिशा में काम कर रहा है।