इंडोनेशिया: माना जाता है कि मृत व्यक्ति को पूरे रीति-रिवाज के साथ ससम्मान विदाई दी जानी चाहिए। यह कोई बाध्यता नहीं बल्कि आस्था से जुड़ा प्रश्न होता है। भारत जैसे विविधता वाले देश में इन रीतिरिवाजों को लेकर भी विविधता देखने को मिलती है। ऐसा नहीं है कि इस तरह के मामले ज्यादातर भारत में ही देखने को मिलते हैं। अगर ग्लोब पर नजर फिराएंगे तो आप पाएंगे दुनिया के अन्य देश भी अपने रीति रिवाजों के चलते दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। इंडोनेशिया ऐसे ही देशों में से है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इंडोनेशिया में मुर्दों को दफनाने से पहले उन्हें अच्छे से नहलाया जाता है और नए कपड़े पहनाकर अच्छे से तैयार किया जाता है। इंडोनेशियाई प्रांतों यह विशेष अनुष्ठान खासतौर पर चर्चा का केंद्र रहता है।
क्या है रीति रिवाज:
ऐसा माना जाता है कि मरा हुआ व्यक्ति दिलों और दिमाग में जिंदा रहता है, लेकिन इंडोनेशियाई के प्रांतो में मरा हुआ व्यक्ति बाकायदा फैशनेबल कपड़ों के साथ विचरण करता है। इंडोनेशिया में दक्षिण सुवावेसी के तोरजा में रहने वाला परिवार अपने परिजनों की मौत के बाद उन्हें दफनाने से पहले उनके शव को अच्छे से नहला-धुला कर नए फैंसी कपड़े पहनाकर सजाता है। टूटे फूटे ताबूतों को ठीक-ठाक किया जाता है और जरूरत पड़ने पर उन्हें बदला भी जाता है, इस दौरान ममी प्रांत के रास्तों पर विचरण करती हैं। इस रीतिरिवाज को मैने (Ma'nene) कहा जाता है।