जकार्ता: इंडोनेशियाई सरकार ने राष्ट्रपति के एक नये फरमान के तहत आज एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया, जो एक वैश्विक खलीफा का गठन करना चाहता है। इस फैसले की मानवाधिकार समूहों ने कड़ी आलोचना की है। न्याय और मानवाधिकार मंत्रालय में महानिदेशक फ्रेडी हैरिस ने कहा कि राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए हिज्ब-उत की कानूनी मान्यता को रद्द कर दिया गया है। (चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ने सदस्यों से कहा, धर्म छोड़ें नहीं तो मिलेगी सज़ा)
पिछले हफ्ते राष्ट्रपति जोको जोकोवी विडोडो द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश ने सरकार को देश के संविधान और विचारधारा के खिलाफ समझो जाने वाले इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की निर्बाध शक्ति प्रदान की। देश के संविधान और अधिकारिक विचारधारा को पंकसीला कहा जाता है, जो लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को प्रतिस्थापित करता है।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि इस आदेश ने संगठन की स्वतंत्रता के अधिकार को नजरअंदाज किया है और सरकार आसानी से अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकती है। हालांकि मुख्यधारा के मुस्लिम समुदायों ने इसका समर्थन किया है। हैरिस ने कहा है, हिज्ब-उत-तहरीर ने संस्था के अपने लेखों में पंकसीला को संगठन की विचारधारा के रूप में सूचीबद्ध किया है, लेकिन वास्तव में जमीन पर उनकी गतिविधियां पंकसीला और इंडोनेशिया गणराज्य की आत्मा के खिलाफ है।