संयुक्त राष्ट्र: लेबनान से लेकर दक्षिण सूडान तक संयुक्त राष्ट्र मिशन में सेवा दे रहे भारतीय शांति सैनिकों की अथक कोशिशों और मेजबान राष्ट्रों में समुदायों की मदद करने को लेकर सराहना हो रही है। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) में तैनात भारतीय शांति सैनिकों ने पिछले हफ्ते दक्षिण पूर्वी लेबनान के शौक अल खान इलाके में महिलाओं के लिए अंग्रेजी भाषा का एक पाठ्यक्रम शुरू किया। छह हफ्ते के इस पाठ्यक्रम के लिए अब तक 23 महिलाओं ने अपना पंजीकरण कराया है।
यूएनआईएफआईएल समाचार के मुताबिक यह कार्यक्रम स्थानीय अधिकारियों की मदद से शुरू किया गया है। इंडियन होरीजॉन्टल मिलिट्री इंजीनियरिंग कंपनी के कमांडिंग अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल अमित सिरोही ने दक्षिण सूडान में मलकल से मेलूत के बीच 250 किमी लंबे एक मुख्य आपूर्ति मार्ग के मरम्मत कार्य का जिक्र करते हुए कहा कि मजबूत सहयोग के चलते यह चुनौतीपूर्ण कार्य पूरा हो सका।
उन्होंने कहा कि इसमें संयुक्त राष्ट्र, दक्षिण सूडान की सरकार और वहां के लोगों का सहयोग मिला। कार्यवाहक गवर्नर जॉन ओधोंग अदियांग ने इस कार्य का स्वागत किया और समय पर हस्तक्षेप करने को लेकर शांति सैनिकों का शुक्रिया अदा किया। इसके अलावा भारतीय इंजीनियरों ने बेनतीयू और लीर को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की मरम्मत का कार्य भी शुरू किया। इस सड़क इतनी खस्ताहाल थी कि पिछले तीन साल से उस पर आवागमन नहीं हो पा रहा था।
यूएन मिशन इन साऊथ सूडान (यूएनएमआईएसएस) समाचार ने बताया कि इलाके में खस्ताहाल सड़कें होने से महिलाओं को यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है। दरअसल, उन्हें भोजन की तलाश के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। शरणार्थियों और विस्थापितों को वापस अपने घर लौटने के लिए मनाने को लेकर भी दक्षिण सूडान में भारतीय शांति सैनिकों की सराहना की जा रही है। गौरतलब है कि दक्षिण सूडान में यूएन मिशन पर 2400 भारतीय शांति सैनिक तैनात हैं।