जोहनिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के नामी मानवाधिकार वकील का यहां 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने रंगभेद के दौर में देश के कुख्यात हिरासत कानून को चुनौती दी थी। वेस्टर्न केप हाईकोर्ट से वर्ष 2011 में न्यायाधीश के तौर पर सेवानिवृत्त होने वाले ईसा मोसा का कल केप टाउन में घर पर सोते समय निधन हो गया। मुस्लिम रीति रिवाज के मुताबित उन्हें दफनाया गया।
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राष्ट्रपति जैकब जुमा ने एक बयान में कहा, उनका निधन दक्षिण अफ्रीका के लिए बड़ी क्षति है। हम मूसा परिवार और उनके रिश्तेदारों के प्रति दुख प्रकट करते हैं। इस मुश्किल वक्त में हमारी प्रार्थनाएं उनके साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
जुमा ने कहा कि मूसा को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान मानवाधिकारों को बढ़ावा और संरक्षण देने के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेशनल असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक लायर्स की स्थापना में उनकी भूमिका के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।